देखो आज खुदको नज़रों से तुम हमारी
तुम भी आज खुद का ज़रा दीदार तो करो,
वजह जान लो क्यों है मोहब्बत हमें तुमसे इतनी
तुम भी आज दिल खोल खुद से प्यार तो करो,
जुल्फों को अपनी खोलो, लेहराने दो इन्हे तुम
हवाओ पे तुम ज़रा सा ऐतबार तो करो,
आँखों मे लगाओ काजल, कानो मे पहनो झुमके
इस आशिक़ पर अपने तुम हुस्न का क़त्ले वार तो करो
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