सुनो!! आँखों पर तुम्हारे हल्की सी नमी है,
मेरा भ्रम है या तुम रो रहीं हो?
नहीं... नहीं तो मैं कहा रो रहीं हूँ.. तुम भी ना!!!
देखो मैं तो मुस्कुरा रहीं हूँ...!!
ओर फ़िर दोनों बह जाते हैं अश्कों के दरिया मेें
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शिव सत्य, कल्याणकारी, अपार प्रेम के स्वामी सखा मेरे, साथी मेरे, ग... read more
तन्हाई, दर्द, ज़ख्म, पीड़ा, तूफ़ान,
सैलाब, अश्रु क्या-क्या है,
सब आगए है, तू बता मौत कहाँ?
सिर्फ़ तेरा इन्तज़ार बाकी है..!!-
बेदाग था आँचल मेरा, एक दाग उस पर मोहब्बत,
समझदारों से उलझा मैं, फ़िर तार तार मेरी इज्ज़त ..!!-
उसी तरह से मुझे तोड़ा गया, फ़िर तोड़ कर फ़िर से जोड़ा गया,
हँसता रहा ज़माना, मैं सहमा सा, ज़ख्मों से लहू निचोड़ा गया।-
होटों पर मुस्कान लिए, मैं सजती संवरती हूँ तेरे लिए,
हर अंग अंग मेें छाये हो, मैं बहकती हूँ सिर्फ़ तेरे लिए।-
चंद मुलाक़ातों की बातें, याद आए फ़िर गुज़री बाते,
मसला मोहब्बत का है, पल-पल मेें यूँ उमड़ती यादें।-
तिरी नर्म
सी 'नाज़ुक'
उँगलियों से
उलझी तेरी
'जुल्फों' का
यह क़हर,
मैं दीवाना,
पागल, प्रेमी,
हूँ मदहोश,
ढूँढता तुम्हें
फ़िर "जुल्फों"
के शहर।-
आज फ़िर ताना मारा गया,
बेरोज़गार हो अपनी हद मेें रहो,
कुछ बोलने का हक्क नहीं...!!-