Krishna Shukla   (कश)
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Joined 27 September 2019


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Joined 27 September 2019
3 SEP 2022 AT 1:14

दहलीज पर खड़े थे,
और दिल घबरा रहा था,
आगे थोड़ा बढ़े तो,
मानो वो पल मेरे हाथो से फिसल रहा था,

यादों का पिटारा हम वही छोड़ आए,
उम्मीदें सारी अपने सर ले आए,
और जो कामयाबी देखी हैं ख्वाबों में,
हम उस कामयाबी के लालच में,
अपना घर छोड़ आए।

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26 NOV 2020 AT 18:23

किसी वीरान से जंगल से बस युही गुजर जाऊ,
कोई सूना सा बंजर बनके यूही बिखर जाऊं,
और कभी जो तुम्हारा फोन आ जाए,
तुम्हारी आवाज़ सुनू,
और वहीं ठहर जाऊं,

#कश

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7 OCT 2020 AT 19:48

कोई भी ज़ख्म टूटे दिल से अच्छा नहीं हो सकता,
बहाना हो सकता है, मगर जरिया नहीं हो सकता,

भरोसा टूटकर फ़िर कभी वापिस नहीं जुड़ सकता
दरिया सागर में मिलकर, फिर दरिया नहीं हो सकता,

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30 SEP 2020 AT 12:40

क्योंकि वो दोस्त हैं मेरी:

मेरी आशिक़ी को वो समझ नहीं पाती,
मेरी मोहब्बत को वो देख नहीं पाती,
ख्याल तो मेरा बहुत रखती हैं
बातो को मेरी थोड़ी ही सही मगर समझती हैं,
अदाकारी उसमे भी हैं, सारी की सारी,
पर उसे बता नहीं सकता, यार
क्योंकि वो दोस्त हैं मेरी,

कभी कभी तो मन करता है उसे सब कुछ बोल दू,
राज़ सारे अपने दिल के उसके सामने खोल दू,
मगर एक यारी का ही तो रिश्ता हैं, जिससे हम साथ हैं,
एक दूसरे के आस पास हैं,
सच बताने के बाद कही वो मुझसे छूट ना जाए,
उसका और मेरा साथ कही टूट ना जाए,
बातें तो दिल की उसे बतानी हैं सारी की सारी,
पर उसे बता नहीं सकता, यार
क्योंकि वो दोस्त हैं मेरी

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20 SEP 2020 AT 20:26

मेरी उंगलियों का अपनी ज़ुल्फो से रिश्ता सोचकर,
तुम उधर खो जाना, में इधर खो जाऊंगा,

और खुद से एक दूसरे की बाहों का ज़िक्र करेंगे,
तुम उधर सो जाना, में इधर सो जाऊंगा,

जब वक़्त से हारकर तुम थक जाओ,
तुम उधर बैठ जाना, में इधर बैठ जाऊंगा,

जब आए मोहब्बत तुम्हे आसमान में उड़ाने के लिए,
तुम उधर उड़ जाना, में इधर उड़ जाऊंगा,

और जब पैर थकने लगे तुम्हारे वफा करते करते,
तो तुम उधर मुड़ जाना, में इधर मुड़ जाऊंगा,

#कश

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17 SEP 2020 AT 22:09

कही तू भी मुझसे कभी रुठ गया तो,
मुझसे तेरा यह साथ कभी छूट गया तो,

मैं बस इसी डर से तेरा माथा चूमता हूं,
होंठ चूमने से कही ख़्वाब टूट गया तो,


#कश

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17 SEP 2020 AT 21:59

बेख़ौफ़ थे हम सबसे, अब चलो डर जाते हैं,
हम दोनों अब थक गए हैं, अब चलो घर जाते हैं,

जा भी देदी, वफा भी करली, मगर फिर भी,
इश्क़ अधूरा रहा, अब चलो मर भी जाते हैं,


#कश

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6 JUL 2020 AT 22:20

जो मेरी रूह को छुले, मिले ऐसा ही अपना वो
तू जिसमें मेरी हो जाए, बस देखू में सपना वो,

ना जाने कितनी शिद्दत से दोनों चांद तकते हैं,
की में कभी ताज को देखू, कभी देखू में यमुना को,

#कश

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24 JUN 2020 AT 22:18

मेरे बारे में अभी तेरा हर एक इल्म कच्चा हैं,
मैं अब किसी का भी नहीं यही राज सच्चा हैं,

मुद्दतो हो गए मुझे खुद की याद नहीं आयी,
और तुम्हे याद करूंगा तेरा यह वेहम अच्छा हैं,

#कश

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21 JUN 2020 AT 21:16

मेरा इजहार ए इश्क़ उससे आधा रहता है,
हक उसका मुझपर मुझसे ज्यादा रहता है,

वो आज कल अपने ही घर पर सो रही हैं,
मेरा कांधा भी बेचैन मुझसे ज्यादा रहता है,

#कश

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