Krishna rajput   (कृष्णा राजपूत)
16 Followers 0 Following

I'm Indian not a global citizen.
Joined 20 May 2018


I'm Indian not a global citizen.
Joined 20 May 2018
26 FEB AT 14:34

शिव की महिमा, शिव का गान,
महाशिवरात्रि, पावन रात महान।
भक्तों के हृदय में दीप जले,
हर-हर महादेव गूंज उठे।

गिरिराज कैलाश पर ध्यानी,
योगेश्वर, संन्यासी ज्ञानी।
त्रिशूल धार, जग के तारण,
भस्म लिपट, हैं महाकाल महान।

जटाओं में गंग धारा बहती,
चंद्र किरीट अमृत सा छलकती।
कंठ में सर्पों का वास है,
फिर भी शिव अटल, अविनाश है।

डमरू बाजे, तांडव छाए,
सृष्टि नाचे, प्रलय भी आए।
सृजन-विनाश का रहस्य अपार,
शंकर ही जग के आधार।

भक्ति से शिव प्रसन्न हो जाएं,
कृपा से अमृत रस बरसाएं।
मन में श्रद्धा, प्रेम अपार,
तो शिव ही भवसागर के पार।

-


26 FEB AT 14:26

In the stillness of the sacred night,
Echoes the chant of Shiva's might.
Mahashivratri, a time divine,
When heavens bow and stars align.

Upon Kailash, in trance He stays,
Beyond all time, beyond all days.
His matted locks hold rivers three,
Flowing with truth, pure and free.

The crescent moon adorns His hair,
A silent witness, soft and fair.
Serpents coil with fearless grace,
Round His neck, in death’s embrace.

With Damru's beat, the cosmos sways,
Creation, destruction—His wondrous play.
Ash-clad Yogi, fierce yet kind,
Beyond the grasp of mortal mind.

On this night, with faith so deep,
We lose ourselves, yet Him we keep.
A drop of Bhakti, a heart sincere,
Brings His presence ever near.

O Mahadev, we call Thy name,
Burn our darkness in Thy flame.
May our souls, like Ganga flow,
Ever pure, where Shiv does glow.

Har Har Mahadev!

-


14 FEB AT 17:49

पुलवामा के अमर शहीद

वो सड़क आज भी सिसकती है, जहाँ वीरों का लहू बहा था,
वो हवा अब भी चीखती है, जहाँ भारत का दीप बुझा था।
काफिला चला था कर्तव्य की राह, हर चेहरे पर गर्व का प्रकाश था,
पर मौत घात लगाकर बैठी थी, और कायरता का अंधेरा पास था।
एक पल... और सब कुछ बदल गया, सपने बिखर गए, घर उजड़ गया,
माँ की मांग का सिंदूर बह गया, एक बहन की राखी जल गई।
पर क्या वो शहीद हुए सच में? नहीं! वो तो अमर कहानी हैं,
हर बूंद लहू की ललकार बन गई, हर आह, हर सांस कुर्बानी है।
कोई मरता नहीं जो वतन का हो, हर हिंदुस्तानी उनका वारिस है,
शत्रु सोचता है मिटा दिया हमें, पर वीरों का रक्त ही आधार है।
हम न झुकेंगे, न मिटेंगे कभी, हर दर्द को शक्ति बनाएंगे,
तिरंगा कफन था, तिरंगा रहेगा, हर बलिदान को सलाम बजाएंगे!

जय हिंद! जय भारत!

-


14 JAN AT 15:48

उजाले की नई किरणें लाती है संक्रांति,
हर दिल में उमंग जगाती है संक्रांति।

गुड़-तिल की मिठास से रिश्ते भरती है संक्रांति,
प्रेम की डोर फिर से बांधती है संक्रांति।

आसमान में पतंगों का मेला सजाती है संक्रांति,
हर रंग से फिज़ा रंगीन बनाती है संक्रांति।

सूरज का रुख उत्तरायण जब होता,
धरती पर नई रुत लाती है संक्रांति।

खुशियों से भरें हर आंगन, हर द्वार,
नव जीवन का संदेश सुनाती है संक्रांति।

-


1 JAN AT 23:12

एक युग बीता, एक क्षण आया,
समय के चक्र ने नव स्वर पाया।
अतीत के अंधकार में जो खो गया,
वह आज भविष्य के दीप से हो गया।

संधान करो, अब आलोक जगाओ,
भूलों के पत्थर से सेतु बनाओ।
हर हृदय मेंप्रेम का अंकुर फूटे,
हर आत्मा में विश्वास फिर छूटे।

नभ की ऊंचाईयों को छूने का वादा,
धरती की गहराइयों से बांधा नाता।
2025 हो नव स्वर्णिम युग का आधार,
जन-जन का हो उत्थान, हो सत्कार।

आओ, नूतन संकल्प लें आज,
हर पथ हो प्रकाशमय, हर क्षण हो साज।
नव वर्ष का यह प्रथम प्रभात,
मानवता को दे नई सौगात।

-


1 JAN AT 23:07

एक युग बीता, एक क्षण आया,
समय के चक्र ने नव स्वर पाया।
अतीत के अंधकार में जो खो गया,
वह आज भविष्य के दीप से हो गया।

संधान करो, अब आलोक जगाओ,
भूलों के पत्थर से सेतु बनाओ।
हर हृदय मेंप्रेम का अंकुर फूटे,
हर आत्मा में विश्वास फिर छूटे।

नभ की ऊंचाईयों को छूने का वादा,
धरती की गहराइयों से बांधा नाता।
2025 हो नव स्वर्णिम युग का आधार,
जन-जन का हो उत्थान, हो सत्कार।

आओ, नूतन संकल्प लें आज,
हर पथ हो प्रकाशमय, हर क्षण हो साज।
नव वर्ष का यह प्रथम प्रभात,
मानवता को दे नई सौगात।

-


1 JAN AT 22:54

एक युग बीता, एक क्षण आया,
समय के चक्र ने नव स्वर पाया।
अतीत के अंधकार में जो खो गया,
वह आज भविष्य के दीप से हो गया।

संधान करो, अब आलोक जगाओ,
भूलों के पत्थर से सेतु बनाओ।
हर हृदय मेंप्रेम का अंकुर फूटे,
हर आत्मा में विश्वास फिर छूटे।

नभ की ऊंचाईयों को छूने का वादा,
धरती की गहराइयों से बांधा नाता।
2025 हो नव स्वर्णिम युग का आधार,
जन-जन का हो उत्थान, हो सत्कार।

आओ, नूतन संकल्प लें आज,
हर पथ हो प्रकाशमय, हर क्षण हो साज।
नव वर्ष का यह प्रथम प्रभात,
मानवता को दे नई सौगात।

-


1 JAN AT 22:52

एक युग बीता, एक क्षण आया,
समय के चक्र ने नव स्वर पाया।
अतीत के अंधकार में जो खो गया,
वह आज भविष्य के दीप से हो गया।

संधान करो, अब आलोक जगाओ,
भूलों के पत्थर से सेतु बनाओ।
हर हृदय मेंप्रेम का अंकुर फूटे,
हर आत्मा में विश्वास फिर छूटे।

नभ की ऊंचाईयों को छूने का वादा,
धरती की गहराइयों से बांधा नाता।
2025 हो नव स्वर्णिम युग का आधार,
जन-जन का हो उत्थान, हो सत्कार।

आओ, नूतन संकल्प लें आज,
हर पथ हो प्रकाशमय, हर क्षण हो साज।
नव वर्ष का यह प्रथम प्रभात,
मानवता को दे नई सौगात।

-


1 JAN AT 22:44

एक युग बीता, एक क्षण नया,
समय ने फिर से स्वप्न बुना।
अतीत की छाया जो छूट गई.,
वह अब उजालों में लिपट गई।
संकल्प करो, नव दीप जलाओ,
भूलों से सीख, सेतु बनाओ।
हर मन में उमंग का अंकुर फूटे,
हर आत्मा में विश्वास फिर छूटे।
आकाश की ऊंचाइयों को छूने का वादा,
धरती की जड़ों से जीवन का नाता।
2025 बने स्वर्णिम युग का प्रतीक,
हर जन को मिले समृद्धि और संगीत।
चलो, आज नव संकल्प करें,
प्रत्येक मार्ग को प्रकाश से भरें।
यह नव वर्ष हो शुभ और महान,
हर जीवन में लाए नई पहचान।

-


12 MAY 2024 AT 14:26

For you, dear Mother, on this special day,
I weave a tapestry of words to convey,
The depth of love that fills my heart,
A bond unbroken, a work of art.

From the first breath I drew, you were there,
Your touch, your warmth, beyond compare.
With gentle hands and tender embrace,
You guided me with love and grace.

In moments of joy and moments of sorrow,
You were my rock, my strength to borrow.
Your wisdom like a beacon, guiding me through,
Your love, a flame that forever grew.

You sacrificed and gave endlessly,
Your love, a gift that set me free.
In your eyes, I found my reflection,
In your love, I found my direction.

Through laughter and tears, you stood by my side,
In every triumph, in every stride.
Your love, a melody that fills my soul,
A symphony of love, making me whole.

So on this day, I honor you, dear Mother,
For all you are, for all you've done, I hold you near.
Your love, a treasure beyond compare,
For you, dear Mother, I'll always be there.

-


Fetching Krishna rajput Quotes