शाम-ए-इंतजार को पैमाना बना लीजिए,
ढलते दिन को अपने 'चाय' का ठिकाना बना लीजिए,
इस कशमकश सी ज़िंदगी के तो बहुत किस्से होंगे,
गुजरते वक्त के साथ इन्हें अपना दीवाना बना लीजिए।-
Krishna Rahul
(Krishna ki kalam se✍)
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"दिल से निकले हुए शब्द बयाँ हैं जी,
जिंदगी में कहीं ना कहीं इनके मायने जरूर हैं।।।"
🎂4th S... read more
जिंदगी में कहीं ना कहीं इनके मायने जरूर हैं।।।"
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Joined 27 April 2018
14 SEP 2021 AT 20:06
20 JUN 2021 AT 4:24
कुछ कहानियाँ अधूरी ही अच्छी होती हैं,
हर सफर का अंजाम मंजिल ही हो,
ये जरूरी नही है।-
22 APR 2021 AT 1:18
भटक रहे हैं ख्वाबों के पीछे यूँ ही दर-ब-दर,
बस उम्मीदों के पहियों पे गुज़र रहा है ये सफ़र।-
24 MAR 2021 AT 0:49
जिंदगी की सियासतों में उलझा हूँ,
वरना हमें भी शौक है शौक से जीने का।-
16 FEB 2021 AT 1:11
सन्नाटों में मशगूल कर लो खुद की आवाज,
अपने शोर के तरानों में लोग नहीं सुनेंगे आपको।-
29 JAN 2021 AT 4:08
ऐ जिंदगी!!!
उम्मीदों को हर रात तराशता हूँ,
ताकि हर सुबह, हर लम्हा और हर पल तुम्हारे रंगो में ढल सकूं।-
24 JAN 2021 AT 3:56
हर बार टूटे ख्वाबों को समेटकर,
फिर से संभलकर,
तुझ संग चलते रहना चाहता हूँ "जिंदगी"।-
21 OCT 2020 AT 23:03
ख्वाहिशों के बीच इस कदर उलझी है जिंदगी,
डर लगता है किसी का हाथ थामने से।-
1 APR 2020 AT 1:44
शहरों के शोर आज कल,
गाँव के सन्नाटों में रहने लगे हैं,
कुदरत से खिलवाड़ के कारनामों से,
आज कल इंसान खुद के घरों में कैद होने लगे हैं।।।-