क्यों डरें की जिंदगी में क्या होगा,
कुछ ना होगा तो तज़ुर्बा होगा...-
पत्थर तो हजारों ने मारे थे मुझे, लेकिन...
पत्थर तो हजारों ने मारे थे मुझे, लेकिन...
जो दिल पे लगा आ के, एक दोस्त ने मारा था...-
ये साल भी जाने वाला है, तुम्हे पता है इस साल का मैंने क्या किया?
मैंने इस साल उन लोगो की फ़िक्र की जिन्हें मेरी कोई फ़िक्र ही नहीं थी, इस साल मैंने उसे चाहा जिसे मेरी कदर ही नहीं थी, इस साल ऐसे लोग मुझे छोड़ के गए जिन्हें देख के लगता नहीं था कभी के ये मुझे छोड़ के जाएंगे।-
किसी को घर से निकलते ही मिल गयी मंजिल,
के किसी को घर से निकलते ही मिल गयी मंजिल..
कोई हमारी तरह उम्र भर सफर में रहा...-
बिछड़ के मुझसे तुझे जीना अच्छा लगता है,
जा खुश रह...
मुझे भी तेरा खुश रहना अच्छा लगता है।-
तुम्हारा सिर्फ़ हवाओं पर शक गया होगा,
तुम्हारा सिर्फ़ हवाओं पर शक गया होगा..
चिराग खुद भी तो जल-जल के थक गया होगा...-
तुम मेरी तरफ देखना छोड़ो तो बताऊं,
तुम मेरी तरफ देखना छोड़ो तो बताऊं...
हर शख्स तुम्हारी तरफ देख रहा है...
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कभी इसका दिल रखा और कभी उसका दिल रखा...
इस कश्मकश में भूल गए खुद का दिल कहा रखा...
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