अब ख़ुशी है न कोई दर्द रुलाने वाला
हम ने अपना लिया हर रंग ज़माने वाला
एक बे-चेहरा सी उम्मीद है चेहरा चेहरा
जिस तरफ़ देखिए आने को है आने वाला
उस को "रुख़्सत" तो किया था मुझे मा'लूम न था
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला
दूर के चाँद को ढूँडो न किसी "आँचल" में
ये "उजाला" नहीं आँगन में समाने वाला
इक "मुसाफ़िर" के सफ़र जैसी है सब की दुनिया
कोई जल्दी में कोई देर से जाने वाला-
In Delhi after a long time
Waiting for My dream girl
हर सुबह घर- घर आने वाला अखबार नहीं हूं मैं
सबकी समझ में आ जाऊं वो किरदार नही हूं मैं
मुझे समझने के लिए मेरा होना होगा सबको
इतनी आसानी से पढ़ ले मुझको खुली किताब नहीं हूं मैं
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वो घर से निकली हमसे मिलने की आस लेकर
हम मिले इत्तेफाक से साइकिल पे घास लेकर 🙄
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यूँ जो तकता है आसमान को तू
कोई रहता है आसमान में क्या
ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता
एक ही शख़्स था जहान में क्या
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हम आपके ऑंसुओं की नमी बन गये
हम वफ़ाओं की इक सरज़मीं बन गये।
वक्त ने फिर जबरदस्त इम्तहॉं जब हमारा लिया
दूर जा कर भी तेरी खुशियों की वजह हमीं बन गए-
ख्वाहिशों का कैदी हूँ मैं,
मुझे हक़ीक़तें सज़ा देती हैं,
आसान चीजों का शौक नहीं,
मुझे मुश्किलें ही मज़ा देती हैं।-
"अजनबी शहर में अजनबी रास्ते,
मेरी तन्हाई पर मुस्कुराते रहे
मैं बहुत देर तक यूं ही चलता रहा,
तुम बहुत देर तक याद आते रहे"-