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सलीका सीखों जाके कोई उनसे नफ़रत का जिन्हें शब्द पसंद आते हैं हमारेलेकिन हम नहीं। -
सलीका सीखों जाके कोई उनसे नफ़रत का जिन्हें शब्द पसंद आते हैं हमारेलेकिन हम नहीं।
एहसास तो उन्हें भी होगामुझे खोने काबस यही सोच कर कभी उनकी गलतियाँ नहीं गिनाता -
एहसास तो उन्हें भी होगामुझे खोने काबस यही सोच कर कभी उनकी गलतियाँ नहीं गिनाता
आज सब कुछ मेरे पास था पर ये कैसा एहसास थाथी खुशियां चारों ओर पर किसी अपने का गम साथ था शायद वो अब न थाजिसके लिए मैं इन खुशियों में शामिल था -
आज सब कुछ मेरे पास था पर ये कैसा एहसास थाथी खुशियां चारों ओर पर किसी अपने का गम साथ था शायद वो अब न थाजिसके लिए मैं इन खुशियों में शामिल था
हम जिद के आगे जिनकेदिल की अपने बात बोलते हैंवो शब्द को मेरे बस मजाक समझते है अब दर्द को अपने शब्दों में कैसे बया कर दू उनसे जो लोग शब्दों से अपनेइस दिल से रोज खेलते है। -
हम जिद के आगे जिनकेदिल की अपने बात बोलते हैंवो शब्द को मेरे बस मजाक समझते है अब दर्द को अपने शब्दों में कैसे बया कर दू उनसे जो लोग शब्दों से अपनेइस दिल से रोज खेलते है।
मैं उनसे आज भी बिना मतलब बात कर लेता हूँजो अक्सर कहते हैहम बिना मतलब किसी से बात नहीं करते। -
मैं उनसे आज भी बिना मतलब बात कर लेता हूँजो अक्सर कहते हैहम बिना मतलब किसी से बात नहीं करते।
बदल जाते हैं लोग वक्त के साथ अगर हालात न बदलेपर वो रास्ता घर कान बदला आज भीजबकि, उसे मालूम हैंलौटा फिर मैं खाली हाथ ही हूँ। -
बदल जाते हैं लोग वक्त के साथ अगर हालात न बदलेपर वो रास्ता घर कान बदला आज भीजबकि, उसे मालूम हैंलौटा फिर मैं खाली हाथ ही हूँ।
उनकी आदत है लिखना और लिख कर मिटा देना कोई पूछे जाकर उनसेये आदत है उनकी या मजबूरी -
उनकी आदत है लिखना और लिख कर मिटा देना कोई पूछे जाकर उनसेये आदत है उनकी या मजबूरी