Krishna Kumar   (Krishna_बेतरतीब_शायर)
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Joined 14 March 2019


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Joined 14 March 2019
19 MAR 2019 AT 1:19

दिखता आम था, पर शख्शियत वो ख़ास था

तख़्त पर वो बैठा था, फ़िर भी सबके पास था

याद करके उसे ज़माने में लोग यही बोलेंगे,

हमारी धरती का भी स्वर्णिम इतिहास था.....









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19 MAR 2019 AT 1:03

लाज़मी है, जवानी में हुस्न का इज़्तिरार हो जाए...

उल्फत और पेशे का तुम्हारे, तक़रार हो जाए...

सभी को सही वक्त देकर ख़ुद को संभाल लो अगर,

तो ज़िन्दगी ये तुम्हारी , तुम्हारी शाहकार हो जाए







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18 MAR 2019 AT 23:51

मुलाक़ातों बातों में वक़्त ज़ाया नहीं करते......

इश्क़ के मौसम अक्सर आया नहीं करते....

गले लगा कर मिटा दो सारी हसरतें, की....

सदियों से प्यासे को ऐसे तरसाया नहीं करते......

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18 MAR 2019 AT 13:37

........दिल धड़का बड़ी तेज़ी से

'तुम' कहके जो बुलाया तूने, सोचा कब बुलायेगी मुझे तू 'ए जी' से

पर मेरी और तेरी शख्शियतों में फ़ासला है इतना

मेरे ख़्वाब भी हिंदी/उर्दू में हैं, और तेरे इशारे भी अंग्रेज़ी से







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17 MAR 2019 AT 18:22

उलझनें सुलझाने में माहिर नहीं हूँ..........

हर वक़्त आसपास हूँ तेरे ,पर ज़ाहिर नहीं हूँ।।

गौर से कभी देख मेरी आँखों में.....

फिर कहना कि मैं तेरी मोहब्बत में साहिर नहीं हूँ||

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16 MAR 2019 AT 14:17

तू चली जाती है क्यों, रोज़ निगाहों का असर छोड़कर

ख़बर तुझे भी है ,मेरे इंतज़ार की, गली के उसी मोड़ पर

ज़माने का खौफ़ है तुझे, या है ये फितरत तेरी........

जो गुज़र जाती है ,तू मुँह अपना मोड़कर

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16 MAR 2019 AT 0:10

बुरे फंसे फ़सानों में ,जो इश्क़ करने का ख्वाब देखा

मुरझाये फूलों के गुलशन में हमने एक फूल शादाब देखा

नज़रों ने जो भी पढ़ा था तेरी नज़रों से,सब फरेब निकला.......

जो चेहरे से सरकता, तेरी शराफ़त का नक़ाब देखा

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14 MAR 2019 AT 14:43

धमाकों से हिला दिया तुमने , इंसानी जज़्बात को...
पहुँचने में ज़रा वक़्त लगा , हमारी भेजी सौगात को....
40 तल्ख सवाल , जो दागे तुमने दिन की रोशनी में,
जवाब उनके हम लिख आये एक अंधेरी रात को

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