Krishna Kale   (Krishna.soch)
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Joined 9 May 2018


Joined 9 May 2018
25 JUL 2022 AT 15:06

वेळ वाईट आहे, पण भविष्य नक्कीच छान आहे.

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23 JAN 2021 AT 9:58

बात संस्कार और जिम्मेदारी यों की तो हैं,
वरना कृष्ण राधा को छोडकर रुक्मिणी से
विवाह क्यों करते.....

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15 SEP 2020 AT 20:30

झूठ भी कितना अजीब है ना, खुद का छोडकर बाकी सब का बाहर निकलता है...

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10 JUN 2020 AT 11:26

Some times I said to Myself " वक्त ही तो है गुजर जायेगा , तु बस चलता रेह"..

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4 APR 2020 AT 10:39

Ek शाम baithi hai subha ke intezar me,
Aur मैं unke intezarr me.

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29 MAR 2020 AT 19:29

मैं वो परिंदा हूं जो आज कल पिंजरे में कैद है...

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26 MAR 2020 AT 23:54

अफवा फैली है हमारे बारे में की हम single हैं, कभी आकर पुछो हमारे साऐं से वो हर दम मेरे साथ रहता है..

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29 FEB 2020 AT 18:14

समज आणी गैरसमज या मानवी भावनांच्या दोन विरूद्ध बाजू आहेत .
जिथे गैरसमज आहे तिथे समज नसणारच, आणी
जिथे समज आहे तिथे गैरसमज ला जागाच राहनार नाही....

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23 FEB 2020 AT 16:30

ईश्क़ हमारा ईस कदर रंग लाया,
देखो, वक्त ने इतिहास फिर से दोहराया...

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14 FEB 2020 AT 13:12

जमाना इस हद तक बदल चुका है की
अब तो डाकीया भी घर का पता भूल चुका है।।।।

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