मेरे आंसू नहीं थम रहे कि वो मुझसे जुदा हो गया और
तुम कह रहे हो कि छोड़ो अब ऐसा भी क्या हो गया
मयखानों में मेरी लाइन पड़ते फिरते है लोग
मैंने जो कुछ भी पीकर कहा वो इतिहास हो गया-
मेरे शेरों को फक़त शेर समझ कर पढ़ लो...!!!
उसी मकाम पर कल मुझको देखकर तन्हा
बहुत उदास हुए फूल बेचने वाले
मुक्कदरो की लकीरों से मात खा ही गये
हम एक दूसरे का हाथ चूमने वाले-
जुदा हुऐ हैं बहुत से लोग एक तुम भी सही
अब इसके लिए क्या जिंदगी हराम करना-
तुझे यक़ीं नहीं आएगा पर हक़ीक़त है
ये तू नहीं है कोई दूसरा है मेरे साथ
मैं क्या बताऊँ तुझे याद क्या दिलाऊँ तुझे
तू जानता है जो तू ने किया है मेरे साथ
अगर वफ़ा को बताऊँ वफ़ा भी चीख़ पड़े
वफ़ा के नाम पे जो कुछ हुआ है मेरे साथ
सितम तो ये है कि मैं ने उसे भी छोड़ दिया
जो सब को छोड़ के तन्हा खड़ा है मेरे साथ
किसी से कोई शिकायत नहीं मुझे 'कृष्ण'
जो होना चाहिए वो हो रहा है मेरे साथ
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नही था अपना मगर फिर भी अपना अपना लगा
किसी से मिलके बहुत दिनों बाद अच्छा लगा
तुम्हें लगा था मैं मर जाऊंगा तुम्हारे बगैर
बताओ फिर तुम्हें मेरा मजाक कैसा लगा
तिजोरिओ पर नज़र ओर लोग रखते हैं
मैं आसमान चुरा लूंगा जब भी मौका लगा
दिखाती है भारी अलमारियां बड़े दिल से
बताती है मोहब्बत में कि किसका कितना लगा-
क्या ग़लतफ़हमी में रह जाने का सदमा कुछ नही
वो मुझे समझा तो सकता था कि ऐसा कुछ नही
इश्क़ से बच कर भी बंदा खुश नही होता मग़र
ये भी सच है इश्क़ में बंदे का बचता कुछ नही
जाने कैसे राज़ सीने में लिए बैठा है वो
जहर खा लेता है पर मुँह से उगलता कुछ नही
शुक्र है कि उसने मुझसे कह दिया कि कुछ तो है
मैं उससे कहने ही वाला था कि अच्छा कुछ नही-
ये दुःख अलग है कि उससे मैं दूर हो रहा हूं
ये गम जुदा है वो खुद मुझे दूर कर रहा है।
तेरे बिछड़ने पे लिख रहा हूं मैं ताजा गजले
ये तेरा गम है जो मुझे लिखने पर मजबूर कर रहा है-
कौन तुम्हारे पास से उठकर घर जाता है
तुम जिसको छू लेती हो वो मर जाता है
इसीलिए तो सबसे ज्यादा भाति हो
कितने सच्चे दिल से झूठी कसमें खाती हो— % &-