अब बस रहने दो
सुकून के कुछ पल
मिले जो बस जीने दो
अब बस पीने दो
छलक न जाए हाथों से
खुशी के जाम
जो मिले उसमें खोने दो
दुनिया से कह दो
अब बस रहने दो
खुशी के पल जीने दो
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बोहोत कोशिश की मैने तुम्हे पाने की
अब चाह नहीं किस्मत आजमाने की
खुद ही खुद में टूट जाने की
अब चाह नही किस्मत आजमाने की
दिल की चाह को दिल में दबाने की
अब चाह नही किस्मत आजमाने की
बोहोत कोशिश की मैंने तुम्हे पाने की-
मेरा बात करना
अपने लिए तुमसे लड़ना
लड़ते हुऐ यूं तड़पना
तड़पकें मुंह फेर लेना
साथ रहते हुऐ साथ न रहना
शायद तुम्हें अच्छा न लगे
तुमको यूं याद करना-
मुझे तो लकीरों ने मारा
इन रकीबों में कहां दम था
मेरे हालातों ने कर दिया सबसे दूर
नहीं तो साथ निभाने में
मैं कहां कम था-
मेरी बेचैनियों से सवरना छोड़ दो
मैं संग आऊंगा हर रोज
तुम लड़ना छोड़ दो
दो बैचेनीयां उसमे तड़पाना छोड़ दो
संग आऊंगा हर रोज
लड़ना छोड़ दो
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मेरी बेचैनियों से सवरना छोड़ दो
मैं संग आऊंगा हर रोज
तुम लड़ना छोड़ दो
दो बैचेनीयां उसमे तड़पाना छोड़ दो
संग आऊंगा हर रोज
लड़ना छोड़ दो
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साथ नहीं तो मैं आवारा हूँ
जब मैं कुछ नहीं हूँ तो मैं तुम्हारा हूँ
एक टूटा हुआ सितारा हूँ
जब मैं कुछ नहीं हूँ तो तुम्हारा हूँ
यूं तो हर ख़्वाब में शहजादा हूँ
पर जब मैं कुछ नहीं हूँ
तो तुम्हारा हूँ
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दोनों मिलके करे शरारते
कभी मिले शाम में
कभी मिले रात में
हद तो तब हो जाए
जब मिल जाए बिन बात में
कही में जाए करे सदाये
मिल जाए हर ख़्वाब में
चाय और मेरी बातें
दोनों मिलके करे शरारते
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चुप हैं फिर भी बातें कम नहीं होती
केह जाए हर ख़्वाब
उनकी बातें कम नहीं होती
होते है हर जगह निगाहों में
पर दूरी कम नही होती
खिलखिला उठे हर मौसम
फिर भी उदासी कम नहीं होती
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ख़्वाब उनके मिटाने को
हम हो गए पागल उनको समझने को
हर शक्श है हाजिर
उनके ख्यालात्तों पर सवाल उठने को
हम हो गए आशिक़ उनको
हर जवाब बताने को-