Krish Krish   (Krish)
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Joined 25 January 2023


Joined 25 January 2023
5 JUL AT 18:21

कहेगा कोई मुझको भी अपना
हर कोई होता नहीं है सपना

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1 JUL AT 13:34

खुशियों और गम से भरा पड़ा है बाजार
सारा किस्सा तो सिर्फ मोल भाव का है!!

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30 JUN AT 20:44

फूलों को चुभते हुए देखा है हमने,,
टूट जाते हैं जब हसीन सपने...!!!!

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24 JUN AT 21:50

खुशियां पाने के लिए रास्ते बनाने पड़ते हैं
ग़म अक्सर दूसरे की छत से कूदकर आ जाते हैं

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7 JUN AT 22:13

उफ्फ... ये तेरे बदन की महक
कहती है मुझसे अब तो बहक
अंग अंग मेरा रख दे मसलकर
देती हूं तुझको पूरा मैं हक

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3 JUN AT 23:44

तुम मोहब्बत शुरू तो करो
खत्म हम कभी होने न देंगे

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2 JUN AT 18:24

मैं उस बारिश का इंतजार कर रहा हूं
जब आंखों से नहीं,आसमान से बरसेगा पानी!!

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31 MAY AT 21:01

सिर्फ बाहों में जकड़ना ही सब कुछ नहीं
सहलाना भी पड़ता है बदन
दोनों तरफ से

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28 MAY AT 23:48

Milne ki jarurat unko h Priyyy...
Jo kbhi bichhad gye ho phle

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23 MAY AT 13:52

ख्वाबों को हकीकत में
वो लोग बदलते हैं
जो आसमान का पता पूछकर
जमीन पर चलते हैं

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