ना शिकवे, ना शिकायते, ना ही किसी से राब्ता है,
इन शामों में हम,खुद को तलाशते हैं,
अब हमारा बस ख़ुद से वास्ता है...-
बस मन में जो ख्याल आता है...
कागज पर उतर जाता है...♥️
सुकून ए दिल का क्या ही कहें साहब,
कमबख्त इस दिल को तलब सिर्फ़ तुमसे मिलने की है...❤️-
True friendship does not need a year to grow, sometime a month or a week is enough.💞
-
कभी- कभी तुम भी ख़्यालों की सीढ़ी चढ़ लिया करो,
ख़्वाब झूठे ही सही तुम भी गढ़ लिया करो..!!
मैं सारे काम छोड़ देती हूँ,तब लिखती हूँ तुम्हें,
कभी तुम भी सारे काम छोड़कर मुझे पढ़ लिया करो....!!♥️-
"एक पुरुष होना सहज़ नहीं" है...
उस ईश्वर ने अपनी रचना को दो हिस्सों में बनाया,
जिसमें एक हिस्से से स्त्री और दूसरे हिस्से से पुरुष को बनाया...
जिसमे स्त्री के हिस्से घर आया और पुरूष के हिस्से दफ्तर आया.....
[पूरी रचना कैप्शन में पढ़े ]
-
हर ताल्लुक मोहब्बत का ही हो ये ज़रूरी नहीं जनाब
कुछ दोस्ती के रिश्ते इश्क से ऊंचा मुकाम रखते हैं...❤️-
हर शांत रहने वाले पुरुष के हिस्से बहुत बोलने वाली स्त्री आनी चाहिए,
और हर शांत रहने वाली स्त्री के हिस्से बहुत बोलने वाला पुरुष,
जिससे कभी एक शांत रहे तो एक बोले,
दोनों का आपसी संतुलन यूं ही बना रहे,
और चेहरे पर मुस्कुराहटे यूं ही सजी रहें...-
ये सुंदरता का मोह कब का त्याग चूके हैं, हम
क्योंकि जिसे पसंद आना था,
उसे पसंद आ चूके हैं, हम...❤️-