मौन हो जाओ।
बहुत कुछ दिखाई देगा और बहुत कुछ सुनाई देगा।-
ख़ुद के घाव भरने वाली स्त्रियां संघर्ष से नहीं कतराती क्योंकि ---,
एक भावुक हृदय जितनी बार छला गया है
उतना कठोर बनता गया है!-
कुछ स्त्रियां स्वांग नहीं रचाती है...
वो जो होती है..,
वैसे ही अपने किरदार में नजर आती है..l💯-
आईना जानता है मुझे,
कि मैं कैसी हूँ?
मैं,
हँसते-हँसते रो देतीं हूँ,
रोते-रोते हँस देतीं हूँ !-
होता है,
जब कोई कहता है कि;
तुम्हारी माँ नहीं है, सुनकर बुरा लगता है/
पर मुझे बहुत बुरा महसूस होता है !🥲-
ये रंग-रूप मेरा, ये काया-छाया,सब मेरी माँ की ही देन है ...
बिन माँ, आज मैं कुछ नहीं ....
मैं तो सिर्फ़ सांसो की लेने-देन हूं /-
किसी को मैं पंसद आ जाऊँ , ये मसला नहीं है ...
किसी को मैं समझ में आऊँ, ये मसला है...
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एक वक्त आता हैं,
जब हम हँस कर जाने देते हैं वो सब,
जो कभी हर कीमत पर हमें चाहिए था।
एक वक्त के बाद मन उकता जाता हैं,
इच्छाएं रखने से भी और हम स्वीकार कर लेते हैं
अपने आप को खो देना भी....!.✍-
मौन हूं ,निशब्द नही,
आवाज हैं,बस बोलती नहीं ,.....
जज़्बात है ,मुंह खोलती नहीं
चाहत है,किसी से उम्मीद नहीं....
पहल न करूं,किसी से डरती नहीं
जीत की चाह नही, पर हार मानती नही....
जिंदगी में परेशानी है, पर मुस्कुराना छोड़ती नहीं
आइना हूं ,बिखरती नहीं
दर्द से भरी हूं, पर जीना छोड़ती नहीं...✍
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