वो बहाने बनाने लगे, हक जताने लगे,
उम्मीदें सजाते थे जो हमारे उजड़े ख्वाबों पर
कभी हंस के कहते कभी ख़ामोशी से जलाने लगे,
वो जो हमें हर बात बताते थे,
हम जिन्हें कुछ और मानते थे, वो कुछ और ही दिखा गए,
हमारे टूटे आशियाने पर अपना राज़ जमा गए,
मैं सुनती रही उनकी हर बात को बड़ी ही ख़ामोशी से
कुछ बोला नहीं बस मन ही मन घुटते गए
और वो आए और बड़े ही जिल्ल्लत से सपने तोड़ गए
जो उन्होंने सजाए थे, हमारी आंखों पर।-
krati tiwari
(~krati)
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Hey there! This is me krati. I'm doing b.sc agriculture.
Thanks for coming here... Your... read more
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Joined 19 February 2020
2 JAN 2023 AT 21:15
24 MAY 2021 AT 12:22
What's the necessary asset a writer should have?
In my views,
"one must possess empathy to every single existence on earth even if it's a non-living creature"!-
2 APR 2021 AT 16:45
दिल जब हो उदास तो
तेरी नज़मे सुन ले,
कुछ ऐसी नज़में लिखना
मेरी उदासी को एक ख़्वाब बना देना।-
2 APR 2021 AT 16:37
आज किसी की दास्तान ऎ जुरूर्त सुन के दिल
गरिया ज़ारी हुआ था,
कल मेरी कब्र में भी मेरी दास्तनें लिख देना।-