🤔हम किसी को क्या याद करे जनाब
हमें तो जमाना ही भूलाए बैठा है ...?🤔-
।।ख्वाहिशें जैसे कुछ पाने की।।
।।ख्वाहिशें जैसे कुछ कर दिखाने की।।
।।ख्वाहिशें जैसे जिंदगी की, दौड़ में आगे निकल जाने की।।
।।ख़्वाहिशें जैसे किसी को अपना बनाने की।।
।।ख्वाहिशें जैसे दुसरो को हंसाने की।।
।।ख्वाहिशें जैसे काम से थक कर माँ के गोद मे सर रख सो जाने की।।
।।ख्वाहिशें जैसे वो बच्चप दोबारा से जीने की।।
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क्यो बहाने बनाते हो
ये नज़दीकियों के रिश्ते क्यो किश्तों में निभाते हो
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जो अंधेरी काली रात में भी जगमगाया था ,अनगिनत तारो के बीच मे वो अकेला मुस्कुराया था , कैसे छोड़ते है सब साथ उसे ये तब समझ आया था, उसके करीब का वो तारा जब टूटता हुआ नजर आया था , चाँद का क्या क़सूर जब उस रात को ही बेवफा निकलना था , जैसे उसकी तक़दीर को ही खफा निकलना था
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।।दिल का दर्द अब सुनाये कैसे।।
।।मतलबी लोगो से दिल लगाए कैसे।।
।।किस्मत की लकीर ही उलझी है अब उसको सुलझाए कैसे।।
।।दिल मे जलन सी होती है बहुत उस जलन को अब बुझाये कैसे।।
।।उदासी सी छाई अब चेहरे पर मेरे उस मुरझाये हुए चेहरे से मुस्कुराये कैसे।।
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You are the most beautiful character of my life...!!
The one who gets in the last, yes, you are the same love...!!!!-
तेरी यादों के साए में हम तेरा ही नाम गुनगुनाते रहे,
एक तुम थे जो हमे रुलाते रहे,
तुम भूल गए हमे तो कोई गम नही,
तुम्हारी यादो को ही हम मरहम बनाते रहे.-
यादें यानी कि बिता हुआ पल।
अब ये बीते हुए पल अच्छे भी हो सकते है और बुरे भी।
अच्छे पल मुस्कान दे जाते है और बुरे पल अनुभव।
हम यादो को याद करते रहते है क्योकि वो यादे होती है। बिता हुआ पल होता है जो हम वापिस नही ला सकते। बस उसी इच्छा से हम उन्हें याद करते है और जिन्हें याद कर के कभी कभी हमे अच्छा महसूस होता है। और हम काश! काश! करते रहते है।
कुछ बेवकूफी वाली यादे भी होती है जिसको याद कर के हमे हँसी आती है।
कुछ यादे हमको रुला भी देती है।और कुछ हमारे चेहरे पे हल्की सी मुस्कान लाती है।
अब यादे तो यादेँ ही होती है जनाब हम किसी को भी देख के कभी भी यादे ताजा कर सकते है ।जैसे बच्चे को खेलते हुए देख के अपना बचपन याद कर सकते है। कुछ पुरानी तस्वीरे देख के। कुछ जगहों पे जा के जहा पे कोई किस्सा जुड़ा हो।
औऱ अगर यादो पे कंट्रोल करना है तो अपने आप को आपके वर्तमान काम पे व्यस्त रखना चाइए।-
।। वो बात नही रही ,वो तारो भरी रात नही रही, कहती थी साथ निभाऊंगी उम्र भर तुम्हारा, पर अफसोस ऐसा कहने वाली मेरे साथ ना रही, मेरी आँखों मे, कही खो गए है वो काले बादल, अब वो पहले वाली बरसात ना रही ।।
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माँ का प्यार तो सबसे पवित्र और अनमोल होता है माँ के बारे मे क्या लिखू जितना लिखूंगा उतना कम है क्योकि मैं भी तो माँ की ही लिखावट हूं
एक सायरी माँ के लिए लिखना चाहूंगा
की है एक कर्ज सबपर जो सवार रहता हैं
की वो माँ का प्यार है जनाब सब पर उधार रहता है-