Kopal Ehsas   (Namita Sanjeev)
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Page is for literature lover
Joined 12 February 2020


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17 JAN 2022 AT 7:29

कलम- ए- हयात
आप लोग भेदभाव करते हैं
जिन कोट्स को 11,12,लऻइक मिलते हैं
उन्हें आपकी तरफ से कोई प्रोत्साहन नहीं मिलता
अफ़सोसनाक है ये

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16 JAN 2022 AT 9:31


जीवन सोपानों पर चढ़ कर
जा पहूँचूंगी द्वार तेरे
पायल की छन् -छन् को सुनकर
खोल हृदय पट अपना
करना अंगीकार मेरा
नयी प्रीत की रीत लिखेंगे
होगा नया बसेरा
दिन सुनहरे, रात रजत की
इंद्र धनुष सा नित्य सवेरा

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15 JAN 2022 AT 8:20

ओस की बूंद नहीं
सीप का मोती बन जा
अपने लफ़्ज़ों का इत्र
मेरे कानों में घोलता जा
तेरी बातों से मै
फिर महक जाऊंगी
तू दूर से ही सही मुझमें
अपना घर बनाता जा

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12 JAN 2022 AT 23:06

वो रज़ामंद थे हमे छोड़ने को
हम पाबन्द थे उन्हें याद करने को
ना हम उन्हें रोक पाये
ना वों हमे भूल पाये
इसी जद्दोजहद में
कभी पास कभी दूर हो रहें

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12 JAN 2022 AT 17:29

रिश्तों में पेंच लड़ने पर
ढील देकर सुलझा लो
एक बार कट जाये तो
फिर से प्रेम की हवा
रिश्तों की पतंग को
उड़ा नहीं सकती

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10 JAN 2022 AT 21:48

बदलाव की तमन्ना लिए
चल दिए बदलने वाले
कसक रही कुछ देर
फिर सोचा
रिश्ते और इश्क़ में
क्या बदला क्या बदलाव
चलो माफ करो जाने वालों को
तलाश करूँ पुरसंकू जिंदगी को

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9 JAN 2022 AT 16:26

मुझे तोड़ने की हद तक
बातों से आघात किया
उन नादानों को मेरी
मेरे सब्र की हद कहाँ पता

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8 JAN 2022 AT 19:01

एक शब्द है "अच्छा जी"।
अच्छा का इस्तेमाल किसी सुंदर व्यक्ति, तस्वीर ,दृश्य, किताब, वस्त्र, बातें आदि आदि के लिए करते हैं ।
जो हमारे कानों को हमारी आंखों को, हमें पसंद आये ।लेकिन "अच्छा जी 'इसके विपरीत वो शब्द है जो परिस्थितियों के अनुसार इस्तेमाल किया जाता है , जैसे कि अगर आप किसी से सहमत हैं तो अच्छा जी कहते हैं।
कभी कभी असहमति या बात को समाप्त करने के इरादे से भी अच्छा जी कहा जाता है ।
कटाक्ष करने या मखौल उड़ने के लिए भी अच्छा जी कहा जा सकता हैं ,अर्थात परिस्थितिक भाव दिखाने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।
आशा है आप "अच्छा जी" का इस्तेमाल सामने वाले को आहत ना करते हुए करेंगे।
शुभ वर्ष
-------नमिता संजीव

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6 JAN 2022 AT 17:38

मुझसे हर बात कहने वाला
मुझसे ही मुंह मोड़ कर बैठा है
सोचता है चला गया दूर कहीं
नादां है मुझमें ही छुपा बैठा है

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5 JAN 2022 AT 7:12

वक्त से निकल मुझसे आ मिला
कुछ दूर चल सितारो से जा मिला
वो फरिश्ता ही था
जो मेरा दामन खुशियों से भर गया
सोचती हूँ बिन उसके
वक्त कितना बदल गया

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