कुछ कम नहीं कुछ ज्यादा नहीं
तुम बिन जीने का इरादा नहीं।-
आंखों की कहानी है
आंखों की जुबानी हैं
कुछ उनकी कुछ हमारी नदानी है
कुछ दिलों की बईमानी है
अनकही अनजानी है
आंखों की कहानी है
आंखों की जुबानी हैं-
शब्दों का खेल है
ज़हन और जुबान का मेल है
कभी मरहम तो कभी तेल है
कभी पल भर में दिल में बस जाना
कभी पल भर में दिल टूट जाना
बस शब्दों का खेल है
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भीड़ से अलग ढलग से थे वो
हम कहां आम से
भीड़ में अलग ढलग से वो
हम आम से
इश्क ने बनाया मुकाम हमारा
वरना हम तो नीक्कमे थे बदनाम थे।
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सुनो!
किसी दिन मुझसे भी मिलने आना
वो नीली कमीज़ काले जुते
बिखरे बाल और हां वो मुस्कान न भुल जाना
कल नहीं तो परसों या तरसों आना
देखो भुल न जाना
कुछ शिकवे शिकायतें रखीं हैं
कुछ किस्से कहानियाॅं रखीं हैं
मैंने डायरी में तुम्हारी निशानीयाॅं रखीं हैं
फूल मुरझा जाते हैं
तुम बातों की गठरी बांध लाना
एक फरमाइश है मेरी भुल मत जाना
कुछ वक़्त लेते आना
कल आना परसों आना
पर मुझे मिलने आना
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क्यों बदल रहा है सब
सब खो सा गया है अब
नज़रें अब भी ढुंढती है उन्हें
पर अब वो जज़्बात नहीं
बातें तो अब भी हो रही
पर दिल की बात नहीं
साथ तो अब भी है हम
पर वो अहसास नहीं
हाथों में हाथ तो है उनका
पर अब वो बात नहीं
पर अब वो बात नहीं
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Mujh bannjaran k asman ho tm
rab ka koi paygam ho tm
Meri choti choti nekiyon ka
Bda inam ho tm
Meri bezar si Zindagi me
Jasbaaton ka makam ho tm
Ishq mohabbat ibadat ya rihayat khu
Ya u khu sukoon ka nam ho tm-
उनको न सही हमे तो कद्र है
वो बेफिक्र तो हम बेसब्र है
वो चाहे न चाहे हमें
हम फिर भी उन्हीं के मुन्तजिर है
रोके तो रोके कैसे खुद को
मोहब्बत ही उनसे इस कदर है
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उनके हमारे दरमियान कुछ तो खास हैं
आंखों से हो रही सारी बात है
यें अदा है उनकी
या किसी रिश्ते का आगाज़ हैं।-
दिल में कसमकश सी उठी है
नज़रें उनकी तलाश में उठी हैं
उनको क्या खबर
दिल हों
या नज़र
हर दफा उन्हीं पर जा रूकी है
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