कभी-कभी लोग असली नहीं होते,
चेहरों पे मुस्कान, दिल में खोखले होते।
तलाशते हैं बस अपना फायदा,
रिश्तों की गर्मी में भी, मतलब ठंडा होता।
जब तक तुम्हारी मौजूदगी से लाभ मिलता है,
तब तक ही तुम्हारा साथ उन्हें सिलता है।
जो दिन तुम रुक गए, कुछ ना दे पाए,
वही लोग फिर परछाई से भी कतराए।
इंसान अगर दिल से मोहब्बत कर ले,
तो उसे उम्मीद होती है कद्र की हर एक पल में।
पर जो सामने वाला सिर्फ फायदा देखे,
तो मोहब्बत भी उसे बोझ सी लगे।
वो तुम्हारी खामोशी को कमजोरी माने,
तुम्हारे समर्पण को उसकी जीत जाने।
कभी इज़्ज़त की बात तक न करे,
और हर भाव को तुच्छ समझ ले।
ऐ दिल, अब समझ ले ये फसाना,
हर चाँद सा चेहरा नहीं होता दीवाना।
मोहब्बत बांट, पर खुद को मत खो,
जो कद्र न करे, उससे राब्ता तोड़ दो।-
चलो एक बाज़ी तुम्हारे मर्ज़ी की खेलते हैं,
तुम मोहब्बत हो हमारी, हम बस खुद से ही कहते हैं।
तुम्हारी दुनिया में होंगे चाँद-सितारे, रौशनी के मंज़र,
हमारी तो दुनिया बस तुम हो, एक ख़ामोश सा सफ़र।
शायद तुम मुझसे कभी इश्क़ न कर पाओ,
मगर मैं हर पल तुम्हें ही खुद में बसाती जाऊँ।
मेरे ख्वाब, मेरे लम्हे, हर बातों में तुम हो,
मेरी साँसों, मेरी दुआओं में बस तुम ही तुम हो।
ना कोई शिकायत, ना कोई गिला है मुझको,
मुझे तो तन्हाई में भी तेरा साथ मिला है खुदको।
तू पास ना सही, एहसास में तो है,
इस दिल के हर एक अहसास में तो है।
तेरे बिना भी तुझसे प्यार करती रहूँगी,
तू चाहे न चाहे, मैं फिर भी तेरा रहूँगी,
एकतरफ़ा सही, मगर सच्ची रहूँगी।-
वफ़ा का रंग है इश्क़ मेरा, सब्र से सींचा है इस दिल ने,
तेरी हर ख़ुशी पे मुस्काया, अपने दर्द को छुपा लिया हँस के।
इंतज़ार की वो शामें गिनीं, जब सवाल भी जुबां तक न आए,
बस तुझको दूर से देखा मैंने, और चुपचाप लौट आए।
दिल की बेबसी कुछ ऐसी, तुझसे दूर रहना भी सज़ा लगे,
और पास आने की ख्वाहिश में, हर साँस भी अधूरी लगे।
जानती हूँ मजबूरियाँ होंगी, तू न आ सका होगा पास,
पर कसम है खुदा की तुझको, ना मिला होगा ऐसा एहसास।
ना पैगाम भेजा, ना नाम लिया, फिर भी तुझसे जुड़ी रही,
हर दुआ में बस तुझे ही माँगा, हर बात में तुझसे ही कही।-
You are your brand’s loudest voice. Speak up before the market forgets you exist.
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If you are hiring an HR Manager, trust their skills and empower their decisions.
Either don't hire HR just for the sake of formality and disrespect the role.-
The future belongs to brands with a face —
those who build their personal brand today will lead the market tomorrow-
मसला ये नहीं कि तुम मेरी परवाह नहीं करते,
मुद्दा ये है कि मुझसे तुम्हें इतनी उम्मीद क्यों है।
मैं हर लम्हा तुम्हें अपने ख्यालों में ढूंढती हूँ,
और तुम हो कि खामोशी में भी सवाल करते हो।
तुम्हारे हर लफ्ज़ में एक दूरी सी क्यूँ है,
जब दिल मेरा अब भी तेरी ही धुन पे धड़कता है।
शिकायतें नहीं, बस एक चाहत सी है,
कि तुम मेरी नज़रों से खुद को एक बार देख सको।
इस बढ़ती हुई मोहब्बत को मैं रोक नहीं पा रही,
दिन पर दिन तुम्हारे और करीब होने लगी हूँ।
ऐसा लगता है कि मानो खुद में तुम्हें ही जीने लगी हूँ,
सुबह हो या शाम, हर पल बस तुम्हें ही जीती हूँ।
प्यार जताना जरूरी नहीं हर बार,
पर कभी-कभी एहसासों की भी कोई जुबां होनी चाहिए।
मसला परवाह का नहीं, जुड़ाव का है,
कि तू रहे दिल में — यही सबसे बड़ी राहत है।-
चलो पता कर भी लो, मोहब्बत भी क्या चीज़ है,
दिल से निकली दुआ है, ना कोई चाल, ना कोई चालाकी की तमीज़ है।
माना कि तुम्हें मैं, मेरी बातें, मेरी चीज़ें पसंद नहीं,
मगर ये दिल… ये तो बस तुझी में बंद है कहीं।
इस दिल का क्या करें, जो तुझसे ही जुड़ गया,
तेरे बिना हर खुशी अधूरी सी लगने लगी है अब तो हर पल नया।
गुलामी इसे और किसी की बिल्कुल नहीं भाती,
तेरे इश्क़ में ये खुद को बादशाह से भी बेहतर पाती।
ना शोहरत चाहिए, ना कोई बड़ा नाम,
बस तेरा साथ हो… और तेरा मुस्कुराता पैग़ाम।
अगर तू कहे, तो ये ज़िंदगी तेरे नाम कर दूँ,
तुम्हें तुम्हारी खुशियाँ मिल जाये… तो खुदा से भी कोई और दुआ ना करूँ।
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अधूरा पाकर क्या करती,
इसलिए पूरा ही छोड़ दिया।
ना कोई उम्मीद बची, ना कोई ख़्वाब बाकी,
जो मेरा था ही नहीं, उसे पाने की ज़िद भी तोड़ दी।
हर मोड़ पर खुद को ही आज़माया मैंने,
हर बार बस ख़ामोशी में रो लिया।
अब ना कोई शिकवा है, ना ही कोई दुआ बाकी,
जिसे खोकर भी सुकून मिले — उसे छोड़ दिया।
अधूरा पाकर क्या करती…
इसलिए पूरे ख़्वाबों से मुँह मोड़ लिया।-