इसबार मिलकर उजड़ा उजड़ा लगा,
कुछ उखड़ी उखड़ी थी उसकी बातें
रिस्ता तो दम तोड़ चूका है
पर मानो रुक सी रही है मेरी भी साँसें
यूँ तो बहुत होती थी बातें दोनों के दरमियाँ
मगर इस बार लम्बी बीति वो सारी रातें
काश काश में ज़िदगी बित गई
की काश हम दोस्ती का ही रिश्ते निभा पाते
शिकायते मन में रखी है दोनों ने अपने
कुछ हमको बोलना चाहिए था और कुछ तुम अपनी सुनाते
चलो छोड़ो अब चुप चाप आगे बढ़ना मुनासिब समझा मैंने
आखिर हम दोनों कब तक खुद के मन को बहलाते!! 🖤-
सुनो,
तुम्हे पता है की मुझे देख अब शर्माने लगी है आँखें तुम्हारी,
तुम्हे पता है की मेरे करीब आते ही तेज़ रफ़्तार पकड़ लेती है साँसें तुम्हारी !
की अब तुम ढूंढते हो बहाने मुझसे मिलने के और वक़्त कम लगने लगा है तुम्हे साथ मेरे,
की हाथ छोड़ दूँ मैं कभी तुम्हारे तो झट से पकड़ लेते हो तुम हाथ मेरे !
यहीं बातें सोच सोच कर मैं भी कुछ कम नहीं मुस्कुराती हूँ,
आखिर तुम्हे मैं अपनी जान से ज़्यदा जो चाहती हूँ !!-
उनके ख्याल मेरी ज़िन्दगी में सुबह के अख़बार की तरह है,
जो यदि कभी ना आयें तो दिन अधूरा सा लगता है!-
ग़लतफहमी ❤️
लगता था एक जरूरी हिस्सा हूँ मैं ज़िन्दगी का तेरी,
पर शायद वो बहुत बड़ी ग़लतफहमी थी मेरी!!-
सुना था की अपनी खुशियों में तो लोग अजनबियों को भी शामिल कर लेते हैं,
अब शायद हम अजनबी भी ना रहे उनके लिए ये दिल से मान लेते है !!-
when you are the least in someone's list
then its better to leave them!❤️-
कुछ यादें हमारे जेहन में हमेशा के लिए बस जाती
ठीक उसी तरह जिस तरह कुछ लोग हमारे दिल में बसें होते है
मेरी दादी हमेशा कहा करती थी की त्यौहार हमेशा खुशियाँ लाते है,
चाहे कितनी भी परशानियाँ क्यों ना हो त्यौहार के दिन सबके चेहरे खिल खिलाते है
आज होली है, त्यौहार है पर त्यौहार वाली वो ख़ुशी नहीं है
कहते है किसी के चले जाने के बाद उनके बिना रहने की आदत पड़ ही जाती है
पर कैसे डालूं मैं वो उनके बिना त्यौहार मनाने की आदत ये किसी ने नहीं बताया
मुझे रंग इतने पसंद नहीं पर आज कैसे ना याद करूँ मैं उनका वो रंग से लगाया हुआ टिका और प्यार से भरपूर आशीर्वाद ये किसी ने नहीं बताया
मैं होली में तैयार होने के लिए मना करती थी तो उनकी वो डाट कैसे ना याद करूँ
हर त्यौहार पर सबसे पहले उनके साथ फोटो लेना और दादी का कैमरा देखते ही मुस्कुरा देना कैसे ना याद करूँ
आज मैंने बालों में तेल भी नहीं लगाया क्योकि वो भी दादी ही डाट कर लगवाती थी
क्या हुआ होली है एक त्यौहार ही तो है हर साल ऐसे ही मनाने की आदत पड़ जाएगी
क्योकि सब कहते है आदत पड़ ही जाती है !!!!-
एक रिश्ते की शुरुआत जरूर गलत हो सकती है,
लेकिन उस रिश्ते में पनपा प्रेम कभी गलत नहीं हो सकता !!-
भुला देती हूँ मैं लोगो को ये सोच कर की कोई रिश्ता नहीं था उनसे,
अगर आज वो याद आए है तो यकीनन कोई रिश्ता जरूर रहा होगा उनसे !!
💔-