मैं सबको बेवकूफ बना सकती हूं ,,,,,,यह अजीब हैं पर खुद को नही 😶😶😶
-
जिनकी नाक ऊँची होती है, उनका दिल और जुबान बहुत कड़वी होती हैं
-
बदनाम हूँ, जानती हूँ
पर कुछ कहना चाहूगी
तुम नफरत करो, मैं फिर एक बार झुकुगी
गलत मै हूँ, तुम्हारी सच्चाई का पैगाम लिखूंगी
लाख बुराइया है मुझमे स्वीकार कर, एक बार फिर अपनेपन का एहसास लिखूंगी
अरे अपने है आप लोग, अपने जमीर को बेच, तुम्हारी मर्यादा की शान लिखूंगी ,,,,,,,,
-
मौक़ूफ़ हूँ, हुक्मरानों के झुठे वायदें का,
मजलिस में उठने वाला सबसे नामचीन मुद्दा हूँ मैं
सियासत मुझ पर नही, मेरे काम पर होती है,
अरे, अन्नदाता हूँ मै, गर्मागर्मी खैरात में दे दे जो, उसको खैरियत देने पर होती है॥
-
Single child होने का एक बड़ा नुकसान यह है कि, माँ -पापा की लड़ाई में आप बिन पैदी के लोटे होते हो ॥
-
सुकून है रातों में, ठंडक है, जो मिलाती न जाने कितने अनसुने मुक़दमों को आप की कचहरी से ॥
हाँ, आप की कचहरी,
वो कचहरी जहाँ जद्दो जहद होती है सपनो की, जिम्मेदारियो की,
काबिलियत की,
वज़ूद की
और वहाँ वक़ालत करती है -एक छोटी सी मुस्कान,
मुस्कान माँ-पापा के चेहरे की, मुस्कान खुशियां बाटने की
तो भला आप ही बताओ, राते इतने सारे ख्वाब लेकर कैसे सो जाएगी।।।।
-
समाज के रीति रिवाज मात्र,
न जाने कब एक कठोर नियम का रूप ले लेते हैं, पता ही नही चलता॥-
सुर्ख रोशनी, ढलता सूरज और उसमें गुफ़्तगू करते मैं और तुम ॥
कभी लड़ते झगड़ते किसे मुद्दे पर तो कभी खामोशी में निहारते बीते किस्से,
और कुछ न सही तो गिनते उल्टी गिनती मैं और तुम ॥
हाँ तुम, जब मेरे साथ होते हो तो मुकम्मल सा दिखता है हर एक ख्वाब और planing भी ॥
पर ढलते सूरज के साथ खत्म होती है हमारी कल्पना की दुनिया भी, जो इतने साल बीत जाने के बाद भी मोहताज़ है "साहस" की,
साहस अपने दिल की बात बोलने का,
यह जाहिर करने का कि "चार" लोगो के कायदे-कानून, किसी किसी की जिंदगी की वक़ालत नही कर सकती॥-