कई सपने मेरे डरा से देते हैं,
सोना चाहूँ भी तो जगा ही देते हैं।
अपनों की खुशी से ज्यादा
क्या ही मांगता होगा कोई,
पर लोग उस पर भी नजर लगा ही देते हैं।-
Komal Pareek KP
(Komal Pareek KP)
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Joined 13 February 2018
14 MAR 2024 AT 3:02
8 SEP 2021 AT 23:59
The more we love the people
the early they leave us.
Even if they don't,
it feels alike.
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31 AUG 2021 AT 12:06
It's an absolute art to achieve
'What you want'
in
'What you have'.-
10 OCT 2020 AT 20:29
कभी बातों से डरती हूँ
कभी ख़ामोशी भी डराती हूँ
ये रात मुझे बहुत कुछ सुनाती हैं|
मैं निकलू चाहे पास तक जाने को
ये अकसर मुझे दूर ले जाती हैं
ये राहें मुझे बहुत भटकती हैं|
अकेले रहने को जाता हूँ छत पर
ये वहाँ भी यादें ले आती हैं
ये रात मुझे बहुत कुछ सुनती हैं|
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25 AUG 2020 AT 12:13
मैं और तुम, जो 'हम' बनाते हैं...
आओ इसी में अपना घर बसाते हैं|-
16 JUL 2020 AT 23:20
रंजिशें गुंजाइशों की बात नहीं हैं,
रोज़ आने वाली ये रात नहीं हैं...
ज़रा बैठो कुछ पल को तो मेरे सामने
कि सुबह से इन आँखों को सुकून की आस रही हैं|-