दिन ढल रहा है रात हो रही है
एक अनजाने सफर की
शुरुआत हो रही है
कुछ खट्टे तो कुछ मीठे
पलों की यादें बन रही है-
कुछ अनकही बातें लिखती हूं
बस यूं ही
अपने दिल का हाल लिखती हूं......
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खुशियों ने दस्तक बिछाई है
हरियाली घर आंगन आई है
वादियों की महक
हसीन पलों को संग लाई है-
माटी री धरती जठे पानी रो आसमान है
बो प्यारो म्हारो राजस्थान है।।
दाल बाटी है पकवान जठे राबड़ी री भरमार है
बो प्यारो म्हारो राजस्थान है।।
रीति रिवाज है जठे मेहमाना री मनवार है
बो प्यारो म्हारो राजस्थान है।।
पगड़ी है मान जठे घूंघट री पहचान है
बो प्यारो म्हारो राजस्थान है।।
छत्रियां है जठे स्मृतियां री शान है
बो प्यारो म्हारो राजस्थान है।।
जय राजस्थान🙏-
ये साल कुछ इस कदर निकल गया
जनवरी से दिसंबर आ गया
कुछ पाया तो कुछ खो लिया
ये साल कुछ इस कदर निकल गया
मुसीबतों का सामना करते करते
खुशियों का भी जश्न मना लिया
ये साल कुछ इस कदर निकल गया-
अपनी मंज़िल पर
बेफिक्र चलने लगे है
दिखावटी दुनिया से
संभलने लगे है
खुद के हिसाब से
ढलने लगे है
जलते है जो लोग उन्हें
और जलाने लगे है-
कैसे थे हम, कैसे बन गए
जिंदगी ने क्या रुख बदला
हम तो बेगाने बन गए
चलते-चलते राह पर
बेराह हो गए
जाना था मंजिल के उस पार
लेकिन हम तो मुसाफिर बन गए-
बचपन की यारी थी
कोई किस कोने तो कोई किस कोने में
बिखरती जा रही थी
पुरानी यादें पल में छूटती जा रही थी
बचपन की यारी थी
जो समय के साथ बदलती जा रही थी-
मोहब्बत का पैगाम आया है
संग बारिश की बूंदे लाया है
हो ना जाए कहीं देर मिलन में
संग ये मौसम सुहाना लाया है
मोहब्बत का पैगाम आया है
संग इज़हार-ए-इश्क लाया है-
ना जाने माहौल बदला-बदला सा है
यादों में तेरी गम सा है
डूब जाऊ तेरी यादों के गुलदस्ते में
तो हर मौसम सुहाना सा है-
चुप रह कर सह जाऊ
बिन कुछ बोले रह जाऊ
आंखों का पानी हूं जनाब
आंखें नम करके
बिन आंसू बहाए रह जाऊ-