Komal Chauhan  
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God always in my❤️ heart!
Joined 23 June 2020


God always in my❤️ heart!
Joined 23 June 2020
4 JAN AT 13:03

बिना इंजील के नज़ात नहीं...
यह पाक-ऐ-कलाम कहता है,
एक दिन आएगा वो ज़मी पर...
पैगाम देता है,
झुक जाएंगी कायनात पूरी...
जब आएगा वो मसीहा,
रुह-ए-पाक कहता है!!

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3 JUN 2022 AT 1:10

ऐ खुदा इबादत तेरी अक़ीदत से सजदे करू....
ताउम्र काविश यही मैं सदा करु,
करदे अदा मेरे रहबर कुछ बरकते मेरे दामन में....
देदे मेरे गुनाहों की माज़रत मुझे!!

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3 MAR 2022 AT 20:39

जब भी करू सजदा तेरे सजदे करू...
ए मेरे खुदा तू सब कुछ है मेरा,
ये कैसे मैं तूझे बया करू...
भर देता है तू अपनी पाक-ए-रूह से,
जब भी तुझे में दिल से याद करू!!

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4 FEB 2022 AT 23:02

जब इश्क ही फरेबी से हो तो...
माह का क्या कसूर है,
अक्सर दूसरो पर दोष लगाना
ये तो दुनियां का दस्तूर है!!!

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4 FEB 2022 AT 22:58

महीना तो यूंही बदनाम है
इश्क के फरेबियो से गालिब
कसूर माह का नहीं
फरेबे दिलो का है जालिम

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13 NOV 2021 AT 20:46

कुछ पल तुम्हारे साथ...
जो बीते थे तुम्हारे साथ,
आज भी है मुझे याद!!

वो हमारी आखिरी मुलाकात...
और तुम्हारा फिर चले जाना सरहद के उस पार,
जब आई खबर तुम्हारे शहीद होने की....
मैं टूट गई कुछ इस तरहा जैसे कांच की गुड़िया हूं खिलौने की !!

कुछ पल तुम्हारे साथ मुझे आज भी है याद,
कभी कंधे पर सर रखकर बैठा करती थी तुम्हारे साथ...
आज न जाने कितने लोग ला रहे है तुम्हे अपने कंधों पर रखकर मेरे द्वार !!

कभी खनकती थी चूड़ियां तुम्हारे नाम की...
आज वही कलाई वीरान है तुम्हारे जाने के बाद,
वो आखिरी मुलाकात जब तुमने कहा था मैं फिर आऊंगा मेरी जान....
तुम आए तो मगर देकर इस वतन को अपनी जान!!

वो आखिरी मुलाकात जब देखा था तुमको मैंने आखिरी बार,
भर आई थी मेरी आँखे तुम्हे जाते देख सरहद के पार,
और तुम्हारा मुझे यू अलविदा कह देना आसूँ भरी मुस्कान के साथ!!

बहुत याद आते है वो बीते पल तुम्हारे साथ...
कभी तो आओगे लौट कर करती हूं मैं द्वार पर खड़े आज भी तुम्हारा इंतजार !!

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9 NOV 2021 AT 17:40

"मेरी डायरी"

दुनिया से छुपा कर अपने राज लिखा जाती हूं...
जब भी होती हूं उदास तुझमें अपने जज़्बात लिख जाती हूं।।
तेरे कोरे पन्नों को में स्याही कलम से रंग जाती हूं...
कभी अपनी सुनहरी यादों को तेरे पन्नों में सजाती हूं,
तो कभी अपनी तन्हाइयों की दास्ताँ को लिखा जाती हूं।।
ऐ मेरी अजीज दोस्त तू भी बड़े रफ़ाक़त से दोस्ती निभाती है...
मेरी हर बात को खुद में समाती है...
कभी मेरे सपनों को पंख लगाती है तो,
कभी मेरे गिरते अश्कों को अपने पन्नों में छुपाती है।।
लिख देती हूं अपने जीवन के हर एक पल को तुझमें...
एक दिन मेरे जीवन के बाद खुद को तुझमें जिंदा छोड़ जाती हूं।।
समेट कर रखना अपने पन्नो में...
मेरे दिल के जज्बातों को,
मैं अपने जीवन की कहानी तुझमें लिख जाती हूं।।

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29 OCT 2021 AT 10:33

Kuch log aese bhi hote hai
Jinhe bas apni life se "MATLAB" hota hai
Bs dikhane ke liye rishta nibhate hai







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8 AUG 2021 AT 14:49

Wait for the Time God Plans for Us to Be One......❤️

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4 AUG 2021 AT 10:11

हुस्न की नजाकत कहाँ रहती है ताउम्र टिक कर,,,
अगर मेरी झुर्रियो से प्यार कर सको तो थामना हाथ मेंरा


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