कमल पुरोहित   ('Aprichit')
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Joined 22 December 2017


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23 NOV 2023 AT 13:27

एक शेर

आपको देखा तो दिल ये मेरा दीवाना हुआ
ज़िस्त में शामिल मेरे फिर एक अफ़साना हुआ

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21 NOV 2023 AT 13:57

अगर सीता ये चाहेगी मिले सोने का मृग उसको
बिछड़ना राम से उसका तो फिर हर हाल में होगा

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अभी बाक़ी सफ़र अपना अभी कुछ इम्तिहाँ होंगे
अकेले हैं मगर कुछ देर में ही कारवाँ होंगे

बिछड़ कर एक दिन तुमसे न जाने हम कहाँ होंगे
हँसी होगी लबों पर हम मगर आशुफ्तगाँ होंगे

अदब से नाम अपना सबके लब पर आ ही जायेगा
दिलों पे राज कर के एक दिन शाह ए शहाँ होंगे

हमारा दिल अभी तक बचपने में ही तो जीता है
अभी बचपन न बीता इसका तो कैसे जवाँ होंगे

तलातुम में बिखर कर कश्तियाँ लौटी किनारे पर
समंदर में ही इन सब कश्तियों के बादबां होंगे

कमल ग़ालिब वली ओ मीर  के आगे नहीं कुछ भी
मगर उसके भी तो कुछ और अंदाज़ ए बयाँ होंगे

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18 DEC 2022 AT 14:07

खिलते हैं "कमल" प्यार के ये फूल दिलों में।
फैलेगी जो खुशबू तो मिटेगी भी अदावत।

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18 DEC 2022 AT 14:00

मुहब्बत अम्न की हर इक निशानी भूल बैठे हैं
ये क्यों अशफ़ाक बिस्मिल की कहानी भूल बैठे हैं

बड़ा अफ़सोस है सब एक दूजे के बने दुश्मन
सभी तहज़ीब क्यों हिन्दोस्तानी भूल बैठे हैं

सियासत के लिए इल्ज़ाम वीरों पर लगा बैठें
वतन के काम आई जो जवानी भूल बैठे हैं

ये फॉलोवर बने बैठे हैं बातिल का कईं दिन से
हक़ीक़त की तभी तो तर्जुमानी भूल बैठे है

ज़माने भर की सारी दास्तानें याद हैं उनको
मगर कुछ लोग ख़ुद की ही कहानी भूल बैठे हैं

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18 AUG 2022 AT 13:15

उनके हर गीत ग़ज़ल तो गुलज़ार रहेंगे युग युग तक
पंख लगा कर शब्द सभी परवाज़ भरेंगे युग युग तक
वो कालजयी रचनाएँ बस हँसते हँसते लिख देते
वो लम्हों के शायर हैं वो राज करेंगे युग युग तक

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20 JUN 2022 AT 13:35

तुझसे गर प्यार में मेरी न लड़ाई होती
मैंने उल्फ़त की हर एक रस्म निभाई होती

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14 APR 2022 AT 16:06

दिख रहा हर कोई मुज़्तर ठीक है क्या
आ रहा बेवक़्त महशर ठीक है क्या

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18 MAR 2022 AT 23:56

किसी की एक छुअन को बस तरसता ही रहा हूँ मैं
जो टूटा प्रेम धागा गाँठ कसता ही रहा हूँ मैं
न जाने किन गुनाहों के मिले हैं ज़ख़्म ये मुझको
सदा आँखों से बन बादल बरसता ही रहा हूँ मैं

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जहाँ में कोई औरत सा कभी मोहकम नहीं होता
सचाई है कि उस जैसा कोई आज़म नहीं होता
हज़ारों ख़्वाहिशें होंगी हज़ारो ख़्वाब देखेंगी
अगर टूटे भी तो औरत का दिल पुर-ग़म नहीं होता

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