कल्याण त्रिवेदी   (स्पर्श)
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स्पर्श
Joined 14 September 2020


स्पर्श
Joined 14 September 2020

જીવન અર્થાત્
મોક્ષ સુધી પહોચવા માટેનુ યુદ્ધ.....

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वो शिव ही बन गया

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लड भी जाय मनुष्य रात से लेकर सुबह तक
फिर भी प्रकाश मिलता नही,
लग भी जाए आँखे किसी कि आँखो से लेकर आत्मा तक
फिर भी प्रेम मिलता नही.....
- स्पर्श

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अपने आप को अपने से ही....

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लज्जित हुं 'मे' अपनी ही द्रिष्टि मे,
बेपनाह दर्द से युक्त बारिश कि इस व्रिष्टि मे,
आखिर कब तक कर सकू स्वयं कि, दर्द से दूर रहने कि पुष्टि 'मे',
कैसे जी लू अब 'मे' ये जीवन, गहरे विष से भरी ईस सृष्टि मे,
हे प्रभु,
अपनी इच्छा से सांस तक लेने का तूमने मुझे अधिकार तक नही दीया,
फिर बता दे मुझे किस अधिकार से,
तूमने मेरे लिए ये जीवन निश्चित है किया,
तूम्हारी इच्छा से चलने वाले इस संसार मे,
क्यू तुमने मुझे मात्र एक खिलौना बनाकर यू ही छोड दीया,
इस खिलौने को भी अनेक संवेदनाए होती है,
क्या तूमने इस बात को सचमुच मे है भूला दीया...?
अगर नही तो मुझे भी कुछ अधिकार दे दे,
छोटी सी तो छोटी सी किन्तु एक पनाह सी तो दे दे,
कि जहा पर इस दर्द से भरी वृष्टि से बचने के लिए,
मेरे पास भी कोइ छत हो....
और छत के नीचे अश्रुओ से लिप्त मेरी आँखो को पोंछ दे,
ऐसी कोई उम्मीद हो....
क्या तूम्हारे पास भी अधिकारो कि सीमा मर्यादित है....?
क्योकि अगर ऐसा नही है,
तो क्यू मुझे तूमने अधिकारो से वंचित किया है
एकबार तो मुझे देख कि तुने मुझे एक भी अधिकार नही दीया है
बस ईतनी सी बिनती है तुमसे मेरी....
कि यथार्थ रूप से 'मे' इस जीवन को जान सकू....
बस इतने से अधिकार कि मांग है मेरी,
कि अधिकार से 'मे' किसी से, अपने लिए प्रेम मांग सकू.... - स्पर्श


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और मेरे प्रेम को कभी कम नही किया

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और तूटी हुई मेरी बाते,
फिर भी केवल तूम्हारी यादे....

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संसार रमतमात्र
और
मनुष्य निमित्तमात्र
हरि ૐ
- स्पर्श

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क्यू राह कभी भी खत्म ही नही होती,
तलाश ये कभी भी आखिर क्यू पूरी नही होती,
लगता है शांति केवल एक भ्रामक शब्द है,
क्यूकि शांति कि तलाश मे केवल अशांति ही...
है मिलती....

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ऐ बुरे समय कैसे धन्यवाद करु मे तेरा,
बता दीया तुने मुझे कौन है पराया और कौन है मेरा,
दर्द तो तुने, मुझे बेपनाह दीया,
किन्तु साथ मे करीब से, ये समजा भी दीया,
कि जिसे मे अपने करीब समजता था...
वो मेरे नही, परंतु केवल अच्छे समय के साथी थे,
और, बुरे समय मे साथ छोडने वाले कभी भी मेरे अपने नही थे... - स्पर्श

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