में छुपे रहते हो तुम
पा कर अकेले हमको
ना जाने कहां से
आ जाते हो तुम।-
कल्पना सागर
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Joined 6 January 2021
19 JUN 2022 AT 13:27
बढ़ते गए कदम
इस उतार चढ़ाव दुनिया में
पीछे मुड़े है ना हम
साथ आपका था
तो
भविष्य भी सवर गया
आप के नाम के साथ
मेरा नाम भी जुड़ गया।
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19 JUN 2022 AT 13:13
मेरा अस्तित्व
मेरा अभिमान
मेरी छत्रछाया
मेरी उम्मीद
मेरे ख़्वाबों का जरिया
मेरे अहसासों का बंधन
मेरे अलादीन का चिराग हो तुम।
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19 JUN 2022 AT 13:03
खुद पर अभिमान है मुझे
एक आशीर्वाद है मुझे
फिर किस बात की फ़िक्र है मुझे
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16 MAY 2022 AT 8:48
दूसरों के ज़िंदगी में
दखअंदाजी ना करके
अपनी ज़िंदगी को
पहले संवारना-