कल्पित   (कल्पित)
690 Followers · 47 Following

read more
Joined 20 January 2021


read more
Joined 20 January 2021
YESTERDAY AT 1:59

-


28 SEP AT 9:30

अल्प विराम है तेरे हाथों का हल्का स्पर्श,
ठहरकर भी आगे बढ़ने की चाहत लिए।

विराम...तेरे कंधे पर टिके मेरे लम्हे,
जहाँ वक्त थककर सो जाता है।

पैराग्राफ .. तेरी और मेरी कहानियाँ,
अलग-अलग पंक्तियों में लिखी,
पर जब पढ़ी जाती हैं,
तो सिर्फ़ एक ही नाम निकलता है..."प्रेम"
___________

-


2 SEP AT 9:47

पुरुष रोता है
तो उसकी आंखों से सिर्फ पानी नहीं झरता,
उसकी आंखों का खारा समंदर ही नहीं टूटता
टूटते हैं सौ झूठे आदर्श,
झड़ती है मर्दानगी की खाल।

उसकी सिसकियों में कराहता है पूरा समाज,
जो उसे लोहे का पुतला देखना चाहता था।

रोता हुआ पुरुष
दरअसल इंसान होने की सबसे सच्ची घोषणा है।
_______________
कल्पित

-


3 AUG AT 17:45

"आंखों का इश्क"
___________
Kalpit

-


30 JUL AT 9:35

।। इज़हार का डर ।।
_________________
कल्पित

-


26 JUL AT 11:18

।। स्वीकृति ।।
___________
कल्पित

-


23 JUL AT 13:04

"संशय"

Written by kalpit

-


23 JUN AT 15:02

"मलाल"
_________

#plane crash

कल्पित

-


16 JUN AT 16:55

"स्वीकृति"
_____

Written by kalpit

-


13 JUN AT 10:19




-


Fetching कल्पित Quotes