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कल्पित
(कल्पित)
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कल्पित... कल्पनाओं का पथिक!
A pluviophile ❤️
वैधानिक चेतावनी:- मेरी कविताएं एक धीमा ज़हर ... read more
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वैधानिक चेतावनी:- मेरी कविताएं एक धीमा ज़हर ... read more
Joined 20 January 2021
28 SEP AT 9:30
अल्प विराम है तेरे हाथों का हल्का स्पर्श,
ठहरकर भी आगे बढ़ने की चाहत लिए।
विराम...तेरे कंधे पर टिके मेरे लम्हे,
जहाँ वक्त थककर सो जाता है।
पैराग्राफ .. तेरी और मेरी कहानियाँ,
अलग-अलग पंक्तियों में लिखी,
पर जब पढ़ी जाती हैं,
तो सिर्फ़ एक ही नाम निकलता है..."प्रेम"
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2 SEP AT 9:47
पुरुष रोता है
तो उसकी आंखों से सिर्फ पानी नहीं झरता,
उसकी आंखों का खारा समंदर ही नहीं टूटता
टूटते हैं सौ झूठे आदर्श,
झड़ती है मर्दानगी की खाल।
उसकी सिसकियों में कराहता है पूरा समाज,
जो उसे लोहे का पुतला देखना चाहता था।
रोता हुआ पुरुष
दरअसल इंसान होने की सबसे सच्ची घोषणा है।
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कल्पित-