लिखी हुई कविता पाती हो गई,
तुम्हे सोच के कलम भी करामाती हो गई।-
कलमकार
(अक्स)
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klam4605.....insta i'd
Joined 22 November 2019
13 SEP 2021 AT 23:20
ग्रीष्म में मिल गई हो फसल को बारिश जैसे
आपको देख कर पूरी हो गई हो ख़्वाहिश जैसे-
12 SEP 2021 AT 19:43
एक दुसरे की आँखों को पढे़
प्यार वो ही सच्चा है।
बातें आँसुओं की ज़बानी ना ही हो
तो अच्छा है।-
11 SEP 2021 AT 23:15
जरा़ से घाटे से , व्यापार बदले नही जाते
जो वजह हों हमारी खुशी की
वो यार बदले नहीं जाते।-