बेख़बर सी रात ने एक पैगाम दिया, की लूटने वाला है हर वो शख्स जिस किसी ने भी इसे चुम लिया !!
ये जिस्मानी दौलत है उम्र के साथ कम होती जाएगी, तू रूह क्यू नहीं ले जाता ख़ुदा से इसकी ताउम्र साथ निभाएगी !!
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हमसफर हसीन होना चाहिए जनाब,
मंज़िल का क्या है वो तो मिलकर पा लेंगे !!-
खामोशियों ने कुछ कहा था,
मुझे पिछले शनिवार भी,
पर मैंने उसको अनसुना कर दिया !!
ख़ैर तेरी बुराई तो मै आपने मुँह से भी सुनना पसंद नहीं करता,
और ये तो इल्ज़ाम लगाने चली थीं !!
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कर्ज़ बहुत है अभी मेरी क़लम पर,
तभी आधा अधूरा लिखती है !!
जिस दिन आज़ाद होंगी,
यकीं करना बहुतों की उस दिन श्याम नहीं होंगी !!-
खामोशियाँ ही बयां
करती है हर एक राज,
दिल का क्या है
ये तो छुपा लेता है !!-
कहा कुछ चाहिए,
बस लगाने को दिल एक दिलदार चाहिए!!
जो लगाए दिल की जगह दिमाग़ वैसा नहीं,
हमसफर बस आपके जैसा चाहिए !!-
ग़र रुक जाना ही महोब्बत है, तो दिल रुका क्यू नहीं मेरा !!
ग़र किसी को पाना ही महोब्बत है, तो मंज़िल पर दिल लगा क्यू नहीं मेरा !!
ग़र चलना ही जिंदगी है, तो क्यू है ये हर तरफ इतना अंधेरा !!
ग़र सवाल ही जिंदगी है, तो जवाब क्यू नहीं सुनता कोई मेरा !!-
दिल को दिलकश लगे ये तेरी बातें,
दिल्लगी ये दिल तूम से करना चाहे !!
बातों में छुपाकर कोई राज की ये बातें तूम से कहना चाहे !!
रखदे हिसाब और हाल दिल का तेरे आगे,
ग़र तू झूठा भी मुझ से मेरा हाल पूछना चाहे !!-
खड़ा हु रण भूमि पर,
परंतु तरकश में बचा एक भी बाण नहीं !!
ना जाने कैसी विपदा ये आन पड़ी,
उसको जरा भी चिंता नहीं मेरे प्राण की !!
किसी ने कहा था की ऐसा वक़्त आएगा,
तू लड़ेगा उसके लिए और उसका जी घबराएगा !!
फिलहाल तो अंतिम छोर पर हु जिंदगी के,
बस अंतिम इच्छा है की वो आए और गले लगाकर बस अपना कहे !!
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सालो से दिल में दफ़ना रखा जो नाम,
आज वो जुबां के सिहराने आ बैठा !!
निकल गया जो बाहर तो तमाशा होना जाहिर है,
ग़र जो आज ना निकला तो उसका मिलना मुश्किल है !!
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