अब वो हीरा अपनी चमक खोने लगा है।
ना जाने क्यूं उदासी भरे सपने सजोने लगा है।
वो मेरे साथ रहता है तो बहुत खुश रहता है।
मुझसे दूर जाते ही ढूंढने कोने लगा है।
ना जाने क्यूं उसकी आंखे नम रहती है बात बात पर,
ना जाने क्यूं हर बात पर रोने लगा है।
वो इतनी गहराइयों से दब सा गया है,
लगता है कि किसी बड़े बोझ का भार ढोने लगा है।।
-
Kishore Kumar
(Mr KKr)
35 Followers · 23 Following
We believe in ourself
Joined 22 January 2021
23 APR 2023 AT 11:57
21 SEP 2022 AT 23:49
वो जो बसा हुआ था आज तक मेरी रूह में।
उसे निकालते हुए न जाने क्यों अफसोस ना हुआ।-
9 FEB 2022 AT 10:08
मैं थक सा गया हूं तेरी रोज़ रोज़ की नौकरी करके।
में एक रोज तुझे अपना कारोबार बनाऊंगा।।
ना जाने क्यूं खा रही मुझे जल्द कामयाब होने की जिद।
इस इश्क में, मैं अकेला तो नही हूं जो देर से अपना मुकाम पाऊंगा।।
अधूरी कविता के कुछ अंश। — % &-
4 NOV 2021 AT 15:38
समस्त देश वासियों को
मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम जी
के अयोध्या नगरी आगमन पर दीपोत्सव
"दीपावली"
की ढेरों बधाइयां एवं शुभकामनाएं।
आपके जीवन को समृद्ध बनाने की कामना करते हैं।
निवेदक : केकेआर परिवार और राष्ट्रीय मानवता विकास मोर्चा।-