भाग तो ऐसे गये जैसे जायदाद मांग लिया हो।
मुझे तो बस "हम, आप और हमारा चाहिये था"।-
सभी कलियुग भोगीयों से निवेदन है कि आज शिव जी से कुछ ना मांगे।
मां पार्वती और शिव जी को उनके विवाह की सालगिरह पर बधाई दे और नि स्वार्थ भाव से वापस आये।
हर- हर महादेव-
एक चीते ने गलती से "वेतन" खा लिया,
अब वो चीता "शराब और सिगरेट पीता है "...-
प्यार सभी को हो,
पर मेरी तरह ना हो।
पहले को भुलाने के लिये बार-बार ना हो...-
अपना तो चरित्र ही शतरंज है।
प्यादों से शुरुआत देखते है,
ऊठों से दुर के नजारें,
घोड़ों से नीयत टटोलते,
और हाथीयों से ताकत आज़माते...-
तुम सिगरेट पीते हो ?
"हाँ पीता हूँ।"
पर यह तोह "जान लेती" है।
हाँ जान लेती है तह तक,
किसी के तकलीफ को...-
बहुत अहमियत थी दिल मे उस तारीख़ की,
किसी के इंतजार मे दिन से रात हो गया,
हाँ वो बीता कल अब खास से आम हो गया...
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अपना तो चरित्र ही शतरंज है,
प्यादों से शुरुआत देखते है
ऊठों से दुर के नजारें,
घोड़ों से नीयत टटोलना,
और हाथीयों से ताकत आज़माते।
अपना राजा हमे पसंद नही,
हम वजीर ही अच्छे,
किला फतेह कर,
अपने राजा कि गद्दी ही हथियाते।-
गुलाबी सफर पर,
दिल आया था किसी पे।
मैं उतर गया जयपुर,
और वो ना जाने कही दुर...-