हे ईश्वर तेरे अस्तित्व को मैंने कभी नहीं आजमाया क्यूं कि मैं जानता हूं कि तुम हो, कर देना इंसाफ सबका , जिसने भी मेरी आत्मा दुखायी है यां जिसकी भी मैंने आत्मा दुखायी है ।
कहता था ज़माने से कि मैं पाप नहीं करता इसलिए कभी उपवास नहीं करता, पर क्या बताउं मैं ज़माने को कि भूखे पेट मैं रह नहीं सकता, ख़ैर वह भी एक वक्त था और यह मी एक वक्त है और आज हालत ऐसी है कुछ खाने का मन नहीं करता।