मन में गूंजता रहता है,
एक ख्याल उड़ने का,
आसमानों में जाके दुनिया को देखने का ।
जहां से खुदका घमंड़ भी बहुत ही छोटा लगे,
और खुदकी पहचान असल में हो सके ।
मन में गूंजता रहता है,
एक सपना पानी बनने का,
एक जगह से दूसरी आजादी से घूमने का ।
राहों में जरूर होंगे तकलीफें अनेक,
पर लड़ना है सबसे पानी के तरह बनके एक ।
मन में गूंजता रहता है,
एक चाह खुशहाल रहने का,
चेहरे पे जो होती है हांसी उसके जैसा बनने का ।
दुख तो आएंगी बिना बताए कई बार,
पर उसका सामना करना होगा हंस के हर बार ।
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