Kishor G.   (Kishor)
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Writer and director
Joined 13 October 2018


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2 HOURS AGO

बंधन में बंधकर
बंधन तोड़ देते हैं..
सब मतलबी है रिश्ते
काम बनते ही छोड़ जाते हैं..

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2 HOURS AGO

अच्छा हुआ ज़मी और
सब घर बंजर हो गए..
लोग इंसानियत भूल गए थे
अच्छा हुआ मर गए..

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2 HOURS AGO

अगर मग़र में काटकर ज़िंदगी
सपने बेकार हो गए..
कहते थे जिएंगे ज़िंदगी फ़िर भी
सब मर गए..

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2 HOURS AGO

सुना है कौन किसका तय भगवान करता है..
अगर ऐसा है तो सपने इंसान क्यों सजाता है..

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2 HOURS AGO

इतना सब समझाया ज़िंदगीने के दुनियां समझ आती है..
कब बदलते है लोग अपनें पराये सब दिखा देती है..

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4 HOURS AGO

कब किस को क्या कितना समझ आता है..
ज़िंदगी है एक सवाल जवाब कहा मिलाता है..

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5 HOURS AGO

जाग जाओ सुरज कि किरणे जगा रहीं है..
दिन मिला है जीने के लिए और आप सो रही है..

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5 HOURS AGO

खेतों का लहराना अमीर बना देता है..
यें वहम नहीं किसान सबका बाप होता है..

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5 HOURS AGO

सुबह से रात होती है..
Sunday की,
सुबह जल्दी नहीं होती है...
ठीक सें आँख भी खुलती नहीं
और Monday की नौकरी
बुलाती है..

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5 HOURS AGO

बहक गई मैं..
महक गई मैं..
पहलें ऐसी नहीं थी
इतनी हंसी हो गई मैं..

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