किशन धाकड़   (© किशन_धाकड़ (kissu))
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Joined 2 July 2017


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22 AUG 2024 AT 22:14

वर्षों बाद उठने लगे थे हमारी नज़रों में
आज तुम फिर नज़रों से गिर गए।
बाज न आए अपनी हरकतों से
जो पहले किया वो फिर कर गए।।

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22 JUL 2023 AT 20:30

कोलाहल नहीं होता है जब
कलरव सुनाई देता है तब

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24 JAN 2023 AT 7:37

तुम सूरत की बात करते हो,
मुझे तो उसकी आवाज से भी इश्क है....

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20 JAN 2023 AT 8:38

छूट रही है धूजणी
कांप रहा है हाड
अग्नि से डरने वाले भी
करते अग्नि के लाड

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16 JAN 2023 AT 20:12

रेल की पटरी सी हो गई हैं मुहब्बत तेरी
हमेशा साथ होती हैं लेकिन मिल नहीं पाती

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16 JAN 2023 AT 19:19

समय भी तुझे मिलता होगा
याद भी तुमको आती होगी
तो बताओ ऐसी क्या मजबूरी है
कि तेरे मेरे बीच में इतनी दूरी हैं

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24 NOV 2022 AT 8:25

पीठ में खंजर घोंपने वालों के
बीच से निकला हूं
मेरी हार की दुआ पढ़ने वालों
मैं जीत के निकला हूं

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5 SEP 2021 AT 8:01

शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं

शिक्षक इस जगत का
एक मात्र प्राणी हैं
जो गधों को भी
आदमी बना देता है
ऐसी अद्भुत कला
संसार के किसी भी
इंजीनियर में नहीं

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30 AUG 2021 AT 7:40

रसखान
धुरि भरे अति सोहत स्याम जू
तैसी बनी सिर सुंदर चोटी।
खेलत खात फिरैं अँगना
पग पैंजनी बाजति, पीरी कछोटी॥
वा छबि को रसखान बिलोकत
वारत काम कला निधि कोटी।
काग के भाग बड़े सजनी
हरि हाथ सों लै गयो माखन रोटी॥

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21 APR 2021 AT 7:56

***कोविड कविता***

तुम डबल म्यूटेंट वेरिएंट सी
मैं कोविड का टेस्ट प्रिये

तुम आरटी -पीसीआर रिपोर्ट हो
मैं कोरोना का पेसेंट प्रिये

तुम हाॅस्पिटल के बाहर की भीड़ सी
मैं वहां अनुपलब्ध सा बैड प्रिये

तुम कोविड गाइडलाइन हो
मैं बंधन मुक्त प्रेम प्रिये
©किशन धाकड़ (kissu)
प्रधानाध्यापक
रा उ प्रा वि राजपुरा, सुवाणा
भीलवाड़ा राज.

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