Kishankumar Agrawal  
68 Followers · 33 Following

Joined 15 November 2018


Joined 15 November 2018
20 MAY AT 12:04

ख़ामोश सी रात...
बंद कमरा...
एक छोटी सी टेबल...
कुछ किताबें..
हाथ में मोबाइल...
टेबल पे चाय.....
और कुछ बिखरी हुई यादें !!

-


19 MAY AT 23:06

मंजिलें दिखाई देते नहीं कभी घरों पे अक़्सर
वरना 'घर' कौन छोड़ना कभी चाहता है भला ।

-


19 MAY AT 22:57

बड़े सुलझे हुए लगे आज 'बरसात की बूंदें'
जिंदगी की उलझनों में रहे होंगे सायद कहीं।

-


18 MAY AT 10:31

मुश्किलें तो बहुत सारे हैं
किसको अपने सर बिठाएं।
वजूद का वजन माप लेता कोई
सर का वजन कैसे बतलाएं।।

-


10 MAY AT 20:56

थोड़ा महंगा लगा मोबाइल जो तुम्हारे हाथ में था
उन आंसूओं का क्या जो तुमने मुझे दिया था

-


10 MAY AT 20:51

बड़े सपने बड़े शहरों में ही पूरे होते हैं
ऐसा कहकर 'मेरी गांव' ने भेजा है मुझे।

-


6 MAY AT 16:08

न जाने कब रूक जाए ये ज़िन्दगी
इसलिए रोज़ 'सफर' करते हैं ।

-


27 APR AT 23:52

वक्त ठहर सा गया है कहीं दूर ।
आओ कुछ दूर पैदल चलें ,
के आगे कोई 'सवारी' मिल जाए ।

-


10 APR AT 13:49

कुछ बदल सा गया है शायद
कुछ पहले सा नहीं रहा शायद
शीशे टूटे थे दीवारों से टकरा कर
वो दीवार भी अब दीवार नहीं रहा शायद

-


5 APR AT 21:32

सफर में है आज सारा शहर
बस हम ही रूके हैं.. उनके इंतजार में

वो आएंगे तो सारा शहर रूक जाएगा
ज़मीं रूक जाएगी.. आसमां झूक जाएगा

दौड़ने लगेंगी हमारी दिल की धड़कनें
न वो रोक पाएंगे.. न मैं रोक पाऊंगा

जब वक्त होगा उनके जाने का
फिर से रूक जाउंगा मैं मगर.. और
'सफर' में है होगा सारा शहर.. #सफर

-


Fetching Kishankumar Agrawal Quotes