अकेला हुं ठीक है, कौनसा सबका साथ चाहता हूं,, बस एक मिल जाए जो पुछ सके “कैसे हो” और हाथ में उसका हाथ चाहता हूं,, देखलिए रिश्ते के रंग सभी , अब बस सुकून की बरसात चाहता हूं।
Achhai bolni hai toh jeete jee bolo, marne ke baad kya rakha hai... Kadar karna hai toh jeete jee karo, dafnane ke baad kya rakha hai... Are woh toh chup hai apni kabar mein, tum sab ki shor mein kya rakha hai.......
आज भी उसी सिद़धत से तुझे बेइंतहान मोहब़बत करते है हम...... बस इंतजार है तो उस खुशनुमा पल की जो तुझको मेरे पास खिच लाएगी.... और तुझे गले लगाकर बोलूंगा, अरे पगली क्यूँ इतनी इंतज़ार करवाई, अरे, क्यूँ इतना तडपाई इस बेचारा दिल को जो अभी भी तेरे लिए धडक रहा है।
उसने दोस्ती चाहि, हमें प्यार हो गया । वह तो चलीगयी अपने जान के पास, हमारे दिल ही टूट के बिखर गया । कैसे बताउं उससे कि चाहता हूँ उसे बेपनाह, यह आंखें बेताबी से ढूँढा करे उसे हर जगह । कभी न मिलेगी उसकी प्यार मुझे यह है पता, कैसे समझाऊ तुझे ए बेचैन दिल तू ही बता।