भोग-विलास से दूर नित्य मनन करते जाना है
कोई दूर करे मुझे उससे तो तांडव कर जाना है !!
नाम भोला है भोला समझते हो क्या
आँखों से ही तो भस्म कर दिखाना है!!
कहीं ग्रन्थों से या किसी नियम से क्या मतलब
कुछ बेलपत्र और जल से मुझे खुश हो जाना है!!-
ककहरा आती नही ,लिखने का प्रयास कर रहा हूँ
पंसन्दीदा... read more
यौ एकरे कहय छी नबका साल,
हाड़ कंपकंपाइये,दाँत कतकटाइये,
रजाई के भीतर जिनगी सीमइट जाइये,
भोरे सँ पछिया काल जेना बहैए ये,
कोहरा सँ दिन आ राइत के फर्क मेटा जाइये,
किछो मजा नै अहि इ मौसम बसात में,
जेना तेना करय छी सब गोटे स्नान...
यौ कोना कहय छी एकरा नबका साल....!
कहय छलैथ पुरखा लोकइन सब,
इ त छियै अंग्रेजक पाबैन,
हमर लोकनिक नै अहि इ नबका साल,
हमर त साल नबका तखन होयत,
जखन चैती गाएब, नबका फसल काटब,
चारु कात उमंग आ उल्लास होयत,
नव मौसम,फसल नबका,
सब किछू लागत तहन नबका नबका,
तहन कहब ओकरा नबका साल,
यौ ओकरा कहबय हम नबका साल....!
ओना इ अछि अपन संस्कार,
जे दोसरो के संस्कृति के करय छी सम्मान,
तैं हुनको लोकइन के दए छी, हुनक नव साल क बहुत रास शुभकामना....!
- किसलय शुक्ला-
एक रोशनी की तलाश में मैंने,
बहुत कुछ उधार कर लिया !
हम सोचते रहे उसके बारे में,
पर आंखो ने प्यार कर लिया!!
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बारिश देख के आज फिर तुम्हारी याद आई
मैं शनिवार सा आधा रहा,
तुमने इतवार वाली सुकून पाई-
जब उसने मेरे अलावा सारे संसार को सुना
मैने भी उसको छोड़ अपनी जिंदगी को चुना-
भगवान से जन्नत और अल्लाह से स्वर्ग मांगता है
ये हिंदुस्तान हैं जनाब ये सबसे अमन मांगता है-
जब से हम गणतंत्र हुए
तब से गण तो मौन ही है
बस तंत्र ही तो बोले जा रहा है
आइए एक नए भारत को बनाते है
जिसमे बिना गण तंत्र अधूरा दिखे !!-
चाय और इश्क में एक बड़ा फर्क है
चाय होठों से लगती है तो नई की तलब हर रोज होती
इश्क यदि होठों से लग जाए तो फिर किसी और की तलब नही होती !!-
आरंभ है अंत है
सपनो का सबंध है
काल जिसके बस मे है
हाँ ,वो ही महाकाल है
प्रेम है क्रोध है
भक्तो का पहचान है
कैलाश जिसका निवास है
हां, वो ही महाकाल है
गले मे विषधर है
शिखर पर चंद्र है
आंखों में जिसका विनाश है
हां ,वो ही महाकाल हैं
अंत नही "अविनाश" है
देवों का वो देव् है
भस्म जिसका श्रगार है
हाँ वो ही महाकाल हैं
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20इक्कीस तुमने तो बड़ी शिद्दत से सितम दिया
हजारों की खुशी और लाखों का गम दिया
20बाईस तुम्हे अपनी उमर पर खड़ा उतरना चाहिए
रास्ते कितनी भी कठिन मिले उमंग हमेशा बनी रहनी चाहिए-