Kisalay Shukla   (किसलय)
624 Followers · 283 Following

read more
Joined 29 January 2018


read more
Joined 29 January 2018
1 JAN 2023 AT 10:14

यौ एकरे कहय छी नबका साल,
हाड़ कंपकंपाइये,दाँत कतकटाइये,
रजाई के भीतर जिनगी सीमइट जाइये,
भोरे सँ पछिया काल जेना बहैए ये,
कोहरा सँ दिन आ राइत के फर्क मेटा जाइये,
किछो मजा नै अहि इ मौसम बसात में,
जेना तेना करय छी सब गोटे स्नान...
यौ कोना कहय छी एकरा नबका साल....!
कहय छलैथ पुरखा लोकइन सब,
इ त छियै अंग्रेजक पाबैन,
हमर लोकनिक नै अहि इ नबका साल,
हमर त साल नबका तखन होयत,
जखन चैती गाएब, नबका फसल काटब,
चारु कात उमंग आ उल्लास होयत,
नव मौसम,फसल नबका,
सब किछू लागत तहन नबका नबका,
तहन कहब ओकरा नबका साल,
यौ ओकरा कहबय हम नबका साल....!
ओना इ अछि अपन संस्कार,
जे दोसरो के संस्कृति के करय छी सम्मान,
तैं हुनको लोकइन के दए छी, हुनक नव साल क बहुत रास शुभकामना....!
- किसलय शुक्ला

-


7 DEC 2022 AT 14:13

एक रोशनी की तलाश में मैंने,
बहुत कुछ उधार कर लिया !
हम सोचते रहे उसके बारे में,
पर आंखो ने प्यार कर लिया!!

-


2 JUL 2022 AT 17:17

बारिश देख के आज फिर तुम्हारी याद आई
मैं शनिवार सा आधा रहा,
तुमने इतवार वाली सुकून पाई

-


28 JUN 2022 AT 9:59

जब उसने मेरे अलावा सारे संसार को सुना
मैने भी उसको छोड़ अपनी जिंदगी को चुना

-


7 FEB 2022 AT 15:44

भगवान से जन्नत और अल्लाह से स्वर्ग मांगता है
ये हिंदुस्तान हैं जनाब ये सबसे अमन मांगता है

-


26 JAN 2022 AT 12:32

जब से हम गणतंत्र हुए
तब से गण तो मौन ही है
बस तंत्र ही तो बोले जा रहा है
आइए एक नए भारत को बनाते है
जिसमे बिना गण तंत्र अधूरा दिखे !!

-


21 JAN 2022 AT 16:11

चाय और इश्क में एक बड़ा फर्क है
चाय होठों से लगती है तो नई की तलब हर रोज होती
इश्क यदि होठों से लग जाए तो फिर किसी और की तलब नही होती !!

-


13 FEB 2018 AT 3:06

आरंभ है अंत है
सपनो का सबंध है
काल जिसके बस मे है
हाँ ,वो ही महाकाल है

प्रेम है क्रोध है
भक्तो का पहचान है
कैलाश जिसका निवास है
हां, वो ही महाकाल है


गले मे विषधर है
शिखर पर चंद्र है
आंखों में जिसका विनाश है
हां ,वो ही महाकाल हैं

अंत नही "अविनाश" है
देवों का वो देव् है
भस्म जिसका श्रगार है
हाँ वो ही महाकाल हैं



-


31 DEC 2021 AT 22:23

20इक्कीस तुमने तो बड़ी शिद्दत से सितम दिया
हजारों की खुशी और लाखों का गम दिया

20बाईस तुम्हे अपनी उमर पर खड़ा उतरना चाहिए
रास्ते कितनी भी कठिन मिले उमंग हमेशा बनी रहनी चाहिए

-


28 DEC 2021 AT 9:03

ताउम्र जलती है धीमी आंच पर ,
तभी तो ये इश्क और चाय मशहूर हुए हैं !!

-


Fetching Kisalay Shukla Quotes