यौ एकरे कहय छी नबका साल,
हाड़ कंपकंपाइये,दाँत कतकटाइये,
रजाई के भीतर जिनगी सीमइट जाइये,
भोरे सँ पछिया काल जेना बहैए ये,
कोहरा सँ दिन आ राइत के फर्क मेटा जाइये,
किछो मजा नै अहि इ मौसम बसात में,
जेना तेना करय छी सब गोटे स्नान...
यौ कोना कहय छी एकरा नबका साल....!
कहय छलैथ पुरखा लोकइन सब,
इ त छियै अंग्रेजक पाबैन,
हमर लोकनिक नै अहि इ नबका साल,
हमर त साल नबका तखन होयत,
जखन चैती गाएब, नबका फसल काटब,
चारु कात उमंग आ उल्लास होयत,
नव मौसम,फसल नबका,
सब किछू लागत तहन नबका नबका,
तहन कहब ओकरा नबका साल,
यौ ओकरा कहबय हम नबका साल....!
ओना इ अछि अपन संस्कार,
जे दोसरो के संस्कृति के करय छी सम्मान,
तैं हुनको लोकइन के दए छी, हुनक नव साल क बहुत रास शुभकामना....!
- किसलय शुक्ला
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