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डाली से टूट कर आज पत्ते न अपना अस्तितव बनाया है....
और आज पहली बार वह पेड़ नही सिर्फ पत्ता कहलाया है!-
karma says
You put your hand on other's sister daughter, the situation is ready for your sister daughter too.
(Karma takes account of everything)-
आज कल की मोहब्बत का .....
अलग ही फ़साना है.....
वो कहेगा तुझसे तू उसकी पहली मोहब्बत ...
और वो तेरा दिवाना है....
तेरे जिस्म से हवस मिटा कर ....
तेरी जुल्फों से खेलेगा ...
मेरी जान तू समझी नही इस खेल को...
मोहब्बत का बहाना तो तेरी .....
जिस्म तक आने का नजराना हैं।-
मेरी जिन्दगी का हर एक लम्हा बहुत लजीज़ है
इस शहर से जुडी जो यादें साथ ले जाउगी
मेरी जिंदगी का वो आखिरी पन्ना बहुत करीब है
इस शहर की सड़को पर आज ये सफर खत्म हो जाएगा
हर पल को महसूस किया है यहा रहकर
पूरी जिंदगी यहा ना रहना ही मेरा नसीब है।
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मुकम्मल इश्क में
वो मलहम लगा रहे थे
हमने पूछा .....
चोट लगी कहा है
जवाब आया__
की तपते बादलों से
लडकर मुक्कमल किया है इश्क
जो अंदर लगी थी आग
अभी बुझी कहा है ।-
धर्म की भी कोई अपनी ही सचाई होगी
वरना इतना आसान थोड़ी होता है .....
दो प्यार करने वालो को अलग करना ।-
खुश तो जनाजे पर भी थी
बस कमी एक ही रह गई
वहा कंधा देने .....
तुम नही आए ।-
शोर मचाया है
शोर मचाया है .................
चल चल चल बेटा आगे बढ़ बढ़
मेरा बाप बोले बेटा तुझसे ही होगा
साला पडोसी बोले सब कर लेगे
बस तुझे ही ना होगा
जब पढ़ना था मुझे ,तब बैठे थे मेरी जुबान पे
अब बढ गया साला ,तो बैठे है मेरी शान पे
शान पाने को , दिन रात रोया मै अकेले मे
टांग खींचने को ,बैठे थे सारे सपेले से
रात रात जब ,भूखा सोया करता था
बाप का दिल भी , खूब रोया करता था
बाप के आंसू देख मै भी ,महंगे सपने पिरोया करता था
महंगे सुपने पिरोया करता था
महंगे सुपने पिरोया करता था
ईश्क विश्क के चक्कर को ,हम नही जानते
बाबू ने खाना खाया के ढकोशले ना पालते
पीछे खींचने वालो को ,पीछे विछे छोड़ के
आने वाली मुसीबतों से ,मन मिचोल के
आगे बढ़ बढ ,पड़ोसियो के कान खोल के
शोर मचाया है
शोर मचाया है........................
किनारा ना होता तो ,दरिया किस बात का
पड़ोसी ना होता तो ,साला ये शान किस काम का
बच्चों मे famous है , अपना टाइम आएगा
उसको पकड़ के लाओ ,उसका टाइम तो अपुन ही लाएगा
अब पूछो क्या किया
तो अपुन बोले पैसा कमाया है
शोर मचाया है .......
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सच कहूं तो..........
मेरी कद्र तो सिर्फ उनको ही है
जो मुझसे बात करना चाहते है
और मैं उन्हें मुड़ के भी नही देखती ।-