रखियेगा दिल को पाक़ यहां..
सफ़र में हमनवाज़ भी मिल जाएंगे..
ना कीजे शिक्वे ज़माने से..
के ग़िले भी यहीं ठहर जाएंगे..
रहेगा साथ कहां- कौन -यहां..
सिर्फ़ रहमो क़रम रह जाएंगे..💞-
कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं...
जिनका कोई नाम नहीं होता...
फिर भी वे सबसे खास होते हैं...🌷
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*मौजूदगी में उनकी हयात नज़र आती है*
लबों में छिपी हर बात,आंखे भी कह जाती है,
कह न सके जो उम्र भर,अनकही बात नज़र आती है!!
एक रोज ना हो जो दीदार उनका,
बेजार सी हर बात नज़र आती है!!
जो देखे हुस्न के जलवे कोई और,
बावस्ता उनके चेहरे पर नाराजगी नज़र आती है.!!
यूं तो इश्क मे तजुर्बे है बेशुमार,
फिर भी! जब भी हो,नई हर दास्तान नज़र आती है.!!
जो हो बेरुखी का सबब चेहरे पर,
हर रात जागती नज़र आती है.!!
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कुछ मुस्कुराहटों के मायने,
हमें ज़िदगी ने सिखा दिए..
दिल में लिए ज़ख्म कई,
होंठो से दबा लिए...!!
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अब वो लहरें कहां वो रवानी कहां,
खो गई भीड़ मे वो जवानी कहां..
देखती थी इक शख्स मे ख़ूबसूरत ख़्वाब को
अधूरे हैं वो ख़्वाब अब वो जिंदगानी कहां..
ज़रा पूछिए ज़िन्दगी के सफर में,
अब हमारी तुम्हारी वो कहानी कहां..
कभी तेरे प्यार पर थी बादशाहत हमारी!!
कहर वक्त का!!कहां तक थी सल्तनत हमारी!!
वो आलम वो खामोशियों की अब जुबानी कहां..
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ऐ दिसंबर जाते जाते कुछ अच्छा कर जाना,
ले जाना संग कड़वी यादें,सौगात खुशी की दे जाना.!
कुछ खोया तो कुछ पाया भी हम सब ने,
एक आस नई जगा जाना.!
छूटे अपने रूठे सपने दर्द दिलों के लिए जाना,
दिया बहुत है फिर भी तुमने,सिखा दिया जीवन को जीना.!
रात घनी थी इस बरस की हर घर रोशन अब के कर जाना,
अब के बरस देना तुम खुशियां मिलन की रीत निभा जाना!
ऐ दिसंबर जाते जाते कुछ अच्छा कर जाना..
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"मौसम बेईमान"
हरहराते पात, थरथराता तन मेरा,
रिमझिम सरसराती रात,गुनगुनाता मन मेरा..!
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बिरहा की वो लम्बी रात,घड़ी भर छू कर चले जाना तेरा,
भेद मन की कामना का,जाग कर फिर उठ जाना मेरा..!
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भीगते मुस्कुराते होठ ,स्वप्न में सहलाना तेरा,
लुकता छिपता चांद,धुंध में लिपटा आंचल मेरा..!
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का से कहूं पी की लगन, मन में बस जाना तेरा,
हर पात पर लिखा जैसे इश्क़ में डूबा तराना मेरा..!
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निहारते नयन देहलीज पर खड़ी,कब हो आना तेरा,
दरवाजे़ पर जले दीप,हर दस्तक पर दौड़ जाना मेरा..!
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जब शनै- शनै उम्र बढ़ जाएगी,
इत्र की जगह यादों की ख़ुशबू आएगी..!
मुस्कुराकर अभी मिल लिया करो,
ये घड़ियां पलट कर फिर नहीं आएंगी..!
नूर अभी है आंखों में बाकी,
फ़िर खूबसूरती कहां नज़र आएगी..!
अभी तो हम भी है चलने को साथ,
हम ना रहे तो यादों मे सिर्फ बातें नज़र आएंगी..!
मिले हैं पल दो पल तो जीलो संग आज,
वक्त की है पुकार! उम्र के साथ ये भी गुजर जाएगी..!-
चांद की रोशनी सा हुआ आना तेरा,
दिल के खु़मार सा हुआ आना तेरा..!!
बिन तेरे दिल बस सुनाता रहा,
हर एक शै को फ़साना तेरा..!!
तेरा ज़िक्र जब जब फिज़ा में हुआ,
हवाओं में मेहका तराना तेरा...!!
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D.k
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