प्रेमागमन से भीग जाती है कठोर प्रतिमा।
और जाग उठता है उनमें भी प्रेम।।
धुल जाती है जमी कालिमा।
और लालिमा सा भर जाता है उनमें भी प्रेम।।
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Kirtesh Sharma
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भारतीय🇮🇳
हिन्दू 🇮🇳
ब्राह्मण 🇮🇳
विद्युत अभियंता🇮🇳
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Joined 30 November 2017
14 APR 2021 AT 17:04
28 FEB 2021 AT 23:03
साथ साथ चलने वाले दूर दिख रहे हैं...।
मैं रुक गया हूं या वो चल पड़े हैं...?-
30 JAN 2020 AT 20:59
जितने भी किवाड़ थे,
सब तो बन्द कर दिए हैं।
पर जो खिड़की है ना,
मेरे दिल की
वो अब भी तेरे आंगन में ही
खुलती है।-
24 AUG 2019 AT 23:10
बातों का सिलसिला चलता रहे तो अच्छा है।
यादों का सिलसिला चलता रहे तो अच्छा है।
यूं हकीकत में तो मुलाकातें होती नहीं है,
ख्वाबों में ही मुलाकातें होती रहे तो अच्छा है।-
24 JUN 2019 AT 21:56
असफलता की बारिश में सफलता की बूंदे ढूंढना है।
ज़िन्दगी तेरे आगे तो नहीं तेरे साथ साथ चलना है।।-
7 MAY 2019 AT 23:14
कुछ यूं बदलें हैं हम,
तुम और मैं बन गए हैं।।
कुछ यूं दूर हुए तुम और मैं,
फासले बढ़ गए हैं।।
चल तो रहे तुम भी और मैं भी,
रास्ते बदल गए हैं।।
कुछ जानते हो तुम भी,
कुछ पहचानता हूं मैं भी।
सब समझते हुए भी
अब हम अजनबी बन गए हैं।।
कुछ यूं बदले हैं हम,
तुम और मैं बन गए हैं।।-