वक्त की तरह यहां इंसान बदल रहे है
हवा की तरह हर कोई आगे जा रहा है
मैं तो न बदला हूं
ओर न आगे बढ़ा हूं-
● फॉलो करोगे तो और भी बढीया कविताए आपके पेशकश में होगी
● आदरणीय... read more
कभी तुम शाम बन के आती हो
कभी तुम सुबह बन के जाती हो
दिल में मेरे तुम
अपना साया बन के रहती हो-
क्या सच में तुम्हें प्रजातंत्र में रहने का अधिकार है?
देखो तुम्हे देश के हर राज्य ओर हर कस्बे में क्या स्वतंत्रता दिखाई देती है? गोर से देखो क्या तुम्हे कोई स्त्री आज के इस प्रजातंत्र में स्वतंत्रता के साथ जीती हुई दिखती है?
किरण देखो मुझे तो कभी नहीं दिखती वो स्वतंत्रता और प्रजासत्ताक!-
इस संसार में सिर्फ बुद्ध ही एक व्यक्ति है जो हर तरह की मुसीबत पर मात करता है। हजारों लोग आएंगे और जाएंगे लेकिन बुद्ध जैसा सिर्फ तथागत ही होगा और कोई नहीं।
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जो हमारे पास है
उसकी हमे कद्र नहीं होती
जो हमारे पास नही होता
उसे पाने के लिए हम न जाने क्या क्या करते है-
क्रांती
जुल्म और बढ़ रहा है
अब वो सत्ता से बाहर नही आयेंगे
तुम्हारी क्रांति करना जरूरी है
आवाज दो सब एक होकर इस लड़ाई में शामिल हो
क्रांति करने में तुम्हारी हमारी जान जायेगी
मगर आने वाली पीढ़ियां सुख और चैन से जिएगी
इस लिए तुम्हारा क्रांति करना जरूरी है-
मैं ने पहले भी कहा था
वो लोग लोकतंत को मार रहे है; खत्म कर रहे है
उन्होंने पुलिस का सहारा लेकर
भीम सैनिक की जान ले ली है अब और कोनसा लोकतांत बचा ?
ये तो परभणी की एक घटना है ऐसी देश में हजारों घटनाए हर रोज हर घंटे में हो रही है हजारों लोग मर रहे है।
क्या अब भी जीवित है लोकतंत्र ???-
ये हुक्मनार हमारी आवाज को बंद कर रहे है। जागो उठो और रास्ते पर आकर लड़ाई करो अपने हक और अधिकार के लिए।
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क्या कहोगे तुम
देश के इन हुक्मनारो से
इन्होंने तुम्हारी जुबां जो काट दी
अब तुम सिर्फ इनकी कटपुतली हो गए हो
अब ये तुम्हे जैसा चाहे वैसा नचाएंगे
लोकतंत्र मर चुका है लोकतंत्र अब बदल जायेगा-
तुम सिर्फ महाज्ञानी डॉक्टर बाबासाहब अंबेडकर जी इनकी प्रतिमाओं को ठेस पहुंचा सकते हो उनके विचारो से तुम कोसो दूर हो।
जब तुम संविधान की प्रस्तावित चिंतन से पढ़ोगे
तब तुम्हारे भीतर संविधान की दि हुई आज़ादी का सच्चा एहसास होगा।-