बुद्धि से योगासन किया जा सकता है,
लेकिन ध्यान बुद्धि से कभी नहीं हो सकता है।-
✴️ I love nature
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These quo... read more
ध्यान रूपी पानी ही अहंकार रूपी कब्ज को दूर करता है।
योगासन के साथ ध्यान खूब ज़रूरी है!-
जैसे भोजन के साथ पानी का संतुलन भी ज़रूरी है,
वैसे ही योगासन के साथ ध्यान रूपी पानी
का संतुलन भी आवश्यक है।-
योगासन तो साधना की उस यात्रा का आरंभिक पड़ाव है, जिसकी चरम अनुभूति का संकेत महर्षि पतंजलि ने आत्मसाक्षात्कार के रूप में किया था।
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अगर योग केवल योगासनों तक सीमित होता,
तो महर्षि पतंजलि को आत्मसाक्षात्कार की
अनुभूति न होती।-
यह हमारा भ्रम है, अंधकार को हटाया नही जा सकता, किन्तु प्रकाश को पैदा जरूर कीया जा सकता है
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योगासन से अपने शरीर की चर्बी तो दूर हो जाएगी,
लेकिन केवल योगासन कर के जो मन में अहंकार
की चर्बी निर्माण हुई, उसे ध्यान से ही मिटाई जा सकती है।-
बीज, पौधा और वृक्ष एक ही ऊर्जा शक्ति के
विभिन्न चरण हैं, जिसके समय के साथ विकास
के अनुसार अलग-अलग रूप और नाम हैं!
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जब तक मन है, तब तक 'मैं' और 'तू' का अस्तित्व है।
जब मन ही अस्त हो जाए, तो केवल वही शेष रहता है,
जिसके उदय के लिए हम जन्मे हैं।
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When we meditate,
we indirectly observe our mind.
As we develop the ability to watch
and witness it, the mind begins to
cleanse and purify itself.
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