Kiran Sharma   (Words craft valley)
997 Followers · 69 Following

Blessed
Joined 7 February 2020


Blessed
Joined 7 February 2020
25 AUG AT 6:54


उसने दर्द की झिलमिल को चूमा,

-


24 AUG AT 13:09

तुम पूछते हो रात से सुबह कैसे हो जाती है,
हमने तो हर पहर गिना है धड़कनों के साथ।
उम्रकैद सा लगता है ये तन्हाई का सफ़र,
जहाँ हर लम्हा बोझ बनकर गिरता है सीने पर।
सुबह आती है, मगर हमारे लिए
वो बस एक और सज़ा की शुरुआत होती है।

-


24 AUG AT 7:37

भर आई आँखों से
तेरी तस्वीर रोज़ निहारता हूँ,
खामोश लबों से
दिल की बातें बार-बार दोहराता हूँ।

तेरी नाराज़गी की छाया
हमेशा संग चलती रहती है,
मेरा मन हर रोज़
तुझे मनाने की कोशिश करता है।

आँसुओं में भीगकर
तेरे नाम की दुआ निकलती है,
सवाल बस इतना है—
क्या तुझे ये सब कभी महसूस होती है?

-


23 AUG AT 6:53

उसकी ग़ैरहाज़िरी
आसमान जैसी है,

बेआवाज़,
बेरंग,
पर हर ओर फैली हुई।

जिस तरफ़ नज़र डालूँ,
वहीं उसका न होना
मुझे घेर लेता है।

जैसे सांसों में हवा हो,
पर छू न सकूँ—
वैसा ही है उसका अभाव।

-


22 AUG AT 7:13

उदासी भी एक लत है, जिसे लग जाए,
तो सुख में भी इंसान दुःख का पता पूछता है।

भीड़ के बीच बैठा हुआ चेहरा,
भीतर से सूना रेगिस्तान हो जाता है।
हँसी की हल्की-सी आहट सुनकर भी,
दिल में एक सिसकी दबकर गूँज जाती है।— % &जाने क्यों, खुशी का दरवाज़ा खुलते ही
उसकी नज़र पीछे के बंद कमरे को खोजती है।
जहाँ धूल सजी यादें हैं,
जहाँ आँसू अब भी अपने हिस्से का उजाला ढूँढते हैं।— % &तन्हाई यहाँ एक साथी है,
जो चुपचाप कंधे पर हाथ रख देती है।
कभी किताब के पन्नों में,
कभी रात की खामोशी में,
वह अपनी मौजूदगी जताती रहती है।— % &और ये लत…
लत बनकर ही नहीं,
कभी सज़ा, कभी पनाह भी हो जाती है।
दिल चाहे न चाहे,
उसकी गिरफ्त से छूटना आसान नहीं।
— % &फिर भी…
उम्मीद एक नन्हा दिया है,
जो हर आँधी के बावजूद
कोने में टिमटिमाता रहता है।
शायद वही याद दिलाता है—
कि उदासी चाहे जितनी गहरी हो,
उसकी तह में भी
सुबह का रास्ता छुपा होता है।— % &

-


21 AUG AT 22:47

Xoxo

-


21 AUG AT 7:18

मैं चाहती हूँ
हर पल को जीना,
हर पल में अपनी धुन बिखेरना,
हँसी को हँसना,
आँसू को बहाना।

-


20 AUG AT 14:16

कधी तळ्यात तर कधी मळ्यात आहे

-


19 AUG AT 22:13

.......मेरी मोहब्बत का मौसम
सिर्फ़ तुम्हारे लिए ठहरा रहेगा।

-


19 AUG AT 3:13

कभी–कभी हम ठीक होना ही नहीं चाहते,
क्योंकि दर्द ही वह आख़िरी कड़ी होता है
जो हमें हमारे खोए हुए से जोड़कर रखता है।

-


Fetching Kiran Sharma Quotes