रोज ठण्डा खाना खाने से कतराने वाले
रसोई में एक ठंडी रोटी आने पर मुह फुलाने वाले
आज के दिन वो ही लोग बड़े सोक से ठण्डा खाना खाएगे
शीतला सप्तमी कि हार्दीक शुभकामनाएं-
😭जिसने मेरा दिल तोड़ा
मुजे उसी से दिल लगाना है
अब किसी और इंसान को मुजे
इस दिल मे नही बिठाना है
मेरी किस्मत में होगा उसका साथ तो
दुबारा मिल जाएगा उसका प्यार
नही मिला तो उसके साथ बिताए कुछ यादगार
पलो को याद करके मुजे अपना जीवन बिताना है😭
अब न ही किसी नए इंसान को इस दिल के करीब लाना है
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ऐसे तो रिश्तों में आग
लगाने वालों से डर लगता
फिर न जाने सर्दी / ठण्ड आते ही
उसी आग से महोब्बत कैसे हो जाती है-
सच कहू तो आज वाकई में
ए एहसास हो गया कि कोई तो
होना चाहिए जो हमेशा मेरे साथ हो
गया छत पर पतंग उड़ाने
फिरकी पकड़ने वाला कोई था नही
पतंग को उच्ची उड़ान भराने के चक्कर मे
मांझा मेरा उलझ के रह गया
और मांझे कि उलझन को सुलझाते सुलझाते
ए मकर संक्रांति का त्योहार पूरा हो गया-
मुलाकात तो नही हो पाई कभी आपसे
पर आप का जिक्र मेने मेरे और आपके
अपनो के मुख से कही बार सुना था
आप तो जीना चाहते थे परिवार संग और अधिक साल
लेकिन भगवान ने आपके अपनो का साथ
आपके जीवन मे बस इतना ही लिखा था
😭😭😭भगवान मेरे आदरणीय, सम्मानीय राजूजी
😭😭😭कि दिव्य आत्मा को शान्ति दे ॐ शान्ति ॐ
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किस हाथ से में लिखू आपकी वो गाथा
मेरे हाथ से मेरी कलम छूट हर बार जाती है
आपका वो रुतबा आपकी वो बुलन्द बहुत याद आती है
माना आप बहुत ही कम बोला करते थे
पर जब भी बोला करते थे देश हित में बोला करते थे
अपने शब्दों से आप आगे वाले के ह्रदय के द्वार खोला करते थे
जब भी जिक्र देश के भूतकाल का होगा
सर आपका नाम सबके मुह पर सबसे पहले होगा
🌷भावपूर्ण श्रदांजलि पूर्व प्रदान मंत्री - डॉ मनमोहन सर🌷
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किसी खास इंसान से टूटा/बिछड़ा हुआ दिल❣️
फिर सारी दुनिया को किनारे कर लेता है ♥️-
कोन कहता है शहर का
पिज्जा और बर्गर ही बेस्ट नास्ता
होता है
अरे कभी खाकर देखिए
सुबह में गाँव कि
मखन और रोटी
जिसका आनन्द/स्वाद ही
सबसे अलग होता है-
चलो अब गाँव चलते है
दादी चाचा चाची भइया भाभी
सब को मिलन को चलते है
चलो ना अब गाँव चलते है
शहर कि ए भागदौड़ भरी ज़िन्दगी
सुबह जल्दी उठना समय पर दुकान जाना
इन सब नियमित काम से चलो ना अब थोड़ी छूटी लेते है
चलो ना अब गाँव चलते है
है चाचू कि शादी वहा
क्यो ना थोड़ी धूम मचाते है
मिलन होगा वहा अपनो से अपनो का
क्यो ना सब संग नाचते गाते है
चलो ना अब गाँव चलते है
किरण पुरोहित
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