जो तोको काँटा बुवै ताहि बोव तू फूल।तोहि फूल को फूल है वाको है तिरसुल॥सन्त कबीर - संकलन
जो तोको काँटा बुवै ताहि बोव तू फूल।तोहि फूल को फूल है वाको है तिरसुल॥सन्त कबीर
- संकलन