दिल की ख़ता बस इतनी सी थी
इस दिल को किसी से बेइंतहां मोहब्बत हो गई थी
फ़िर तो जैसे वो मेरे ज़िंदगी का हिस्सा बनता चला गया
दिल धीरे धीरे उसके क़रीब आने लगा
चुपके चुपके हम एक दूजे के हों गए
ज़माने की रस्मों रिवाज़ो को तोड़कर जन्मों जन्मों के बन्धन से बंध गए
पर कभी सोचा ना था ये साथ कुछ चंद दिनों का था
किस्मत लिखने वाले ने शायद किस्मत में कुछ और लिखा था
कभी कभी प्यार मोहब्बत की बातें झूठी सी लगने लगती हैं
पर इंसान करे भी तो क्या शायद उसकी भी कुछ मज़बूरी होती हैं
प्यार मोहब्बत में इंसान दिल के हाथों मजबूर हो जाता है
दिल जिससे प्यार करने लगता है उसके बगैर वो इक पल भी रह नहीं पाता है
ये प्यार कि कसक भी कितनी अजीब होती है ना दोस्त
कभी कभी हमें इतनी हंसाती है कि हम खुशियां समेटते समेटते थक जाते हैं
कभी इतनी रुलाती है कि हम टूटकर बिखर जाते हैं
समझ नहीं आती है ये ज़िंदगी कभी कभी
उलझनों में इस क़दर उलझ जाती हैं कि
सुलझाते सुलझाते पूरी ज़िंदगी निकल जाती है
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मुद्दतों बाद आई है ये मिलन की बेला
दो दिलों को छोड़ दो आ अकेला
मिल लेने एक दूजे से जी भर के
दिल का दर्द देखो अंखियों से बरसे
वर्षों बाद आया है ये सुहाना पल
जाने कितने दिनों से तुझे
एक नज़र देखने को तरस रहा था ये मन
आज वो शुभ घड़ी आई है
दिल में जैसे बजी शहनाई है
आज इक पल के लिए भी इनको एक दूजे से जुदा ना करो
जी भर एक दूजे के आगोश में समा तो लेने दो
अब मिले हैं तो ना फ़िर बिछड़े कभी
जन्म जन्मांतर तक हम साथ रहे ना जुदा हों फिर कभी-
मेरे पापा दुनिया के
सबसे अच्छे पापा हैं
भगवान सबको मेरे पापा
जैसा प्यार करने वाला पापा दे-
सतरंगी ख़्वाहिशें अक्सर इंसान को अपनी मंज़िल से दूर ले जाती हैं
कभी कभी दिल में हज़ार ख़्वाब सजा लेना हमें द्वंद में डाल देती है
क्या करे क्या ना करे अपने किन सपनों को चुने
किन को छोड़े हमें समझ नहीं आती है
सपने देखना कोई बुरी बात नहीं पर लक्ष्य कोई एक ही हो तो
हमें उस लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने में मदद मिलती है
हज़ार सपने हमारे मन को कभी भी एकाग्र नहीं रहने देती है
कभी इस पथ पर तो कभी उस पथ पर हमें भटकाती रहती है
हमें ख़ुद से फैसला करना चाहिए हमें किस तरफ़ जाना है
राह कोई एक चुने तो फ़िर हमें उन तक पहुंचने का मार्ग स्वतह ही मिल जाता है
ख़ुद को सिर्फ़ सपनों की दुनिया में खो देने से हमारा ही नुकसान होता है
अपने मन को अपने वश में हम करना सीख जाएंगे तो
फ़िर सब कुछ हमारे लिए आसान हो जाता है
बेशक अपनी मंज़िल हमें ही चुननी होती है और उसे ख़ुद ही तय भी करना होता है
इस लिए हमें जो भी करना होता है उसमे हमारा समय भी व्यर्थ ना जाए
कुछ भी करने के पहले हमेशा ये बात याद रखना पड़ता है
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ऐ सनम तुमको पाकर ऐसा लगा
जैसे दामन में ढेर सारी खुशियां भर गई हों
तुमसे मिलके ऐसा लगा
जैसे दुनिया की सबसे बड़ी दौलत मिल गई हो
ऐ सनम जब से तुम आए हो ज़िंदगी में
तुम्हारे आ जाने से जैसे मेरी दुनिया बदल गई हो
जब से तुम मेरी ज़िंदगी का हिस्सा बने हो
ऐसा लगता है जैसे क़दम क़दम पर हमारे लिए चांद सितारे बिछे हों
तुम्हारे प्यार भरे स्पर्श से ज़िंदगी फूलों सी महक गई है
ऐ सनम तुम्हें पाकर ऐसा लगता है
जैसे जन्नत ज़मीन पर आ बसी हो
तुमसे मिलने के बाद अब किसी और चीज़ की चाहत भी नहीं है
ऐ सनम तुम्हारा मेरी ज़िंदगी में आ जाने से जैसे मेरी तो क़िस्मत ही चमक गई है
तुम मेरी ज़िंदगी का वो अनमोल तोहफ़ा हो जिसकी कोई कीमत नहीं है
ऐ सनम तुमसे प्यारा तुमसे अज़ीज़ इस जहान में मेरे लिए कोई भी नहीं है
तुम हर जन्म मेरा मुकद्दर बनो दिल यही दुआ करता है
तुम जैसे जीवन साथी को पाना हर किसी के नसीब में कहांँ होता है
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चल पहले तेरे सिर का जाला साफ कर दूं
ताकि तेरा बुद्धि पर पड़ा जाला साफ हो जाए
ये जो मांग में सिंदूर लगा के घूम रहा है ना
जाला साफ होने के बाद दाढ़ी मूंछ लगाकर घूमेगा
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ख़ामोश निगाहें पर भीतर अश्कों का सैलाब भरा है
बेशक होठों पर मुस्कान है पर दिल ज़ख़्म से तड़प रहा है
दूसरों का दर्द दूसरों की पीड़ा दूसरे कभी नहीं समझ पाते हैं
जो दर्द की हद से गुजरता है उस अथाह पीड़ा को उसी का दिल महसूस कर सकता है
वैसे भी हमारी तकलीफ़ से किसी का क्या लेना देना
हम किस दौर से गुज़र रहें हैं उस बात से किसी को कोई फ़र्क नहीं पड़ता है
हम कितने तकलीफ़ में होते हैं ये बात सिर्फ़ हमारा दिल ही जानता है
पर ज़माने से अपनी पीड़ा छुपाने के लिए हमें उनके सामने मुस्कुराना पड़ता है
आख़िर क्या वजह होती है जब हम बिल्कुल शांँत हो जाते हैं हर किसी से दूर हो जाते हैं
क्यों कभी कभी ज़िंदगी हमें ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर देती है
जहांँ हम चाहकर भी कभी ख़ुश नहीं रह पाते हैं
हमारे आस पास जब हमको कुछ भी अच्छा दिखाई नहीं देता है तो
जाहिर है हम अपने दिल को समझाकर अपने आप में सीमित होकर रह जाते हैं
पर ये भी सही नहीं होता है हमारे जीवन के लिए
हमारी ख़ामोशी हमारी उदासी कभी बहुत धातक साबित होती है हमारे लिए
तब हमें ख़ुद जो अपने दर्द से बाहर निकालना होता है
अपनी ज़िंदगी के जीने के तरीकों को बदलना पड़ता है
जब कभी हम ऐसे द्वंद में फंँस जाते हैं
तब उन परिस्थितियों से हमें ख़ुद ही उबड़ना पड़ता है
ग़म में डूब जाने से ज़िंदगी नहीं चलती है
वक़्त और हालात के साथ हमें जीना सीखना पड़ता है-
मुरझा गया हूंँ वक़्त की बेरूख़ी से
अपने दिल का दर्द बांँट भी नहीं सकता किसी से
वैसे भी मेरे मुरझा जाने से किसी का क्या जाता है
मेरे तकलीफ़ से भला किसी और को क्या फ़र्क पड़ता है
ये दुनिया भी उसी का साथ देती है जिसका समय अच्छा होता है
अपने हों या पराए यहांँ कोई नहीं किसी के काम आता है
कहने को तो सब यहांँ अपने ही होते हैं
रिश्ते नाते मोह माया सब यहांँ कच्चे होते हैं
इंसान भी वक़्त के साथ परखा जाता है
अपने पराए का एहसास भी समय ही करवाता है
कोई कैसे किसी के साथ इतना बुरा कर सकता है
हमारे दिल को आहत करने के काम भी हमारे अपनों का ही सबसे ज्यादा योगदान होता है
हमारे अपने क्यों हमारे दिल को इतनी पीड़ा देते हैं कि हम टूटकर बिखर जाते हैं
ये कैसे रिश्ते होते हैं जो कहलाते तो अपने हैं पर
अगर पूछा जाए तो हमारे तकलीफ़ की सबसे बड़ी वजह वही होते हैं
फ़िर भी हज़ार ग़म सहकर भी हमें ख़ुद को संभालना होता है दोस्त
लोगों कि उपेक्षा को दरकिनार कर हमें अपने आगे की ज़िंदगी को संवारना पड़ता है दोस्त
इसी को तो ज़िंदगी कहते हैं कांटों भरी डगर पर भी जो बिना उफ़्फ् किए आगे बढ़ता जाए
सही मायनों में उसे ही असली आनंद की अनुभूति कहते हैं
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तेरे में हिम्मत है मुझसे प्यार करने की
मेरे में तो हिम्मत है बोल तो अभी दिखाऊं
फ़िर मेरी हिम्मत देखकर कहीं तू भाग ना जाना
🤣🤣👇😂😂-
मेरी एक भूल ज़िंदगी की सारी खुशियांँ निगल गई
दिल ने जितने ख़्वाब सजाए थे वो सारे ख़्वाब प्यार कि बलि चढ़ गई
सोचा नहीं थी कभी किसी से प्यार करना ज़िंदगी की सबसे बड़ी भूल बन जाएगी
सारे रिश्ते नाते भी छूट जाएंगे मेरी एक भूल मुझे आज भी बहुत रुलाती है
कैसे बताऊंँ तुझे ऐ ज़िंदगी वो पीड़ा मुझे किस क़दर तड़पाती है
दिल ने किसी को चाहा ही तो था इसमें मेरा क्या कसूर था
प्यार तो सभी करते हैं फ़िर मेरे नसीब में क्यों उस प्यार से बिछड़ना लिखा था
उस प्यार की ख़ातिर इस दिल ने जाने कितने ख़्वाब सजाए थे
अपना सब कुछ उस प्यार पर इस दिल ने लुटाए थे
इस प्यार ने इस यार ने क्यों मेरा मुझसे सब कछ छीन लिया
मेरी वफ़ा का मेरी चाहतों का क्यों उसने ऐसा सिला दिया
ऐ ज़िंदगी तुझे कैसे दिखाऊं उस टूटे हुए दिल की पीड़ा को
ऐ दिल जिसने तेरी कद्र नहीं की क्यों नहीं भूल जाता तू उसको
किसके लिए इतना रोता है यहां कौन है तेरा जिसके लिए तू इतना तड़पता है
मत रो ऐ दिल तु भूल जा उसे जिसने हर बार तुझे तोड़ा है
वो क्या जाने तू दर्द की किस हद से गुज़र रहा है
किसी के दिल पर क्या गुजरती है दिल तोड़ के चले जाने वालों को ये पता कहांँ है-