Kiran "गौरी"   (The Ray Of Mystery)
102 Followers · 68 Following

read more
Joined 6 July 2017


read more
Joined 6 July 2017
16 DEC 2021 AT 22:35

जिसकी खुशबू मात्र से
जीवन महक जाता है...

और कर्म वो माली है
जिसके सानिध्य मात्र से
फूल अनुपम बन जाता है।

-


15 DEC 2021 AT 11:35

स्थिरता में उन्नति नहीं, बैठ न अपने हाथ मलो
रुक जाना ही जड़ता है, थम न जाना चले चलो।
ठूंठ कभी न झुक पाया, सक्रियता का वरण करो
चलायमान है जग सारा, विधि विधान अनुसरण करो।
सूर्य चंद्रमा पृथ्वी वायु, चलित सदा यह ध्यान धरो
"परिवर्तन" ही अपरिवर्तित, श्रृष्टि नियम स्वीकार करो।
सुख समृद्धि वैभव यौवन, हैं एक पहलू जान पड़ो
दूजा पहलू जो भी होवे, स्वागत हेतु तैयार रहो।
दिन और रात या जनम मरण के, सत्य से साक्षात्कार करो
मनःस्थिति में दृढ़ता होवे, निरंतर यह अभ्यास करो।
स्थिरता में उन्नति नहीं, बैठ न अपने हाथ मलो
ठोकर खाकर थम न जाना, दुगुन उत्साह भर चले चलो।

-


15 DEC 2021 AT 10:39

It's Okay

It's okay to cry, when emotions are at its peak
It's okay yo express, when things are lumping beneath

It's okay to ask when you really need a help
It's okay to believe towards the power of your SELF

It's okay to let go, when things doesn't work
It's okay to make sure, your feelings doesn't hurt!

It's okay to wonder, the sky is not always blue
It's okay to accept, the way and WHAT you are too!

It's okay to embrace, the skills in you
It's okay to believe, that dreams come true

It's okay to realise, this is not the last
It's okay to forget, the unpleasant past

It's okay to imagine, the future you desire
It's okay to begin, and fly higher and higher.

Yes! It's okay!

-


10 DEC 2021 AT 23:04

कभी हृदय तुम्हारा करे क्रंदन
और धीरज बांध लगे ढलने!
चित्त अनुभूत करे बंधन
समय तीव्र गति से लगे चलने।

पास मेरे आ जाना प्रिये!
तुम किंचित ना घबराना प्रिये!
मैं धीरज धर सुन लूंगा तुम्हें
अंतर्मन से कह जाना प्रिये।

अपूर्ण न कोई स्वप्न रहे
मैं साथ तुम्हारा दूंगा प्रिये?
सुख दुख से मिश्रित जीवन
मिलजुल व्यतीत करेंगे प्रिये।

कष्ट तनिक भी छू न सके
मैं प्रयास सदैव करूंगा प्रिये!
ज्यों कष्ट कभी पदचाप किए
मैं ढाल तुम्हारी बनूंगा प्रिये।

कभी हृदय तुम्हारा करे क्रंदन
और धीरज बांध लगे ढलने!
पास मेरे आ जाना प्रिये!
तुम किंचित ना घबराना प्रिये!

-


8 DEC 2021 AT 22:46

सर्दी के दिनों के
किसी रविवार की सुबह.....

जब अधमुंदी आंखों से
बाहर का झरोखा दिखता है
एक अनेक या कई कई सारे
मन भतेरे कयास लगाता है

जाने इस धुंधले आकाश से
आज कौन सा नज़ारा निकलेगा
इसके पीछे होंगे घने काले बादल
या सुहानी धूप का सूरज चमकेगा

भागते दौड़ते सप्ताह के बाद
एक ठहराव भरा रविवार
चाय की चुस्कियों के साथ
थमके बैठने का इशारा करता है...

और वही धुंधला आकाश
अनभिज्ञ अज्ञात दृश्यों को
मन के भीतर ही
रहस्यमय करता है......

सर्दी के दिनों के
किसी इतवार की सुबह.....

-


29 NOV 2021 AT 21:46


चलना शुरू तो कीजिए।
काफ़िला भी बन जाएगा
मिलना शुरू तो कीजिए।
ठोकरों से घबराना नहीं
मजबूत होना भी सीखिए।
ज़िंदगी हसीन है जनाब
महसूस करना शुरू तो कीजिए...

-


7 SEP 2021 AT 7:28

भोर होते ही खगों का
स्फूर्ति से भर जाना
कभी छज्जे पर आके
चीं चीं चहचहाना

पंछियों का कलरव
शुभम लग रहा है
पुणे शहर में आके
मधुरम लग रहा है।

ठंडी ठंडी बयार का
घर में उन्मुक्त समाना
मेघों का धीमि उड़ान भरा
अनुपम दृश्य दिखलाना।

प्रकृति का सानिध्य
उत्तम लग रहा है
पुणे शहर में आके
मधुरम लग रहा है।

-


16 AUG 2021 AT 12:49


तुम मेरे जीवन की
सबसे सुंदर कहानी
हर मुश्किल हल करती
तुम हो सबसे सयानी।

तुम्हारे होने से
मेरा जीवन हुआ पूरा
बिन तुम्हारे था मैं
कुछ अधूरा अधूरा।

सुकून से बहता
जैसे नदिया का पानी
तुम ही हो मेरे
जीवन की रवानी।

चलो मिलकर लिखेंगे
अपने प्यार की कहानी
जिसका मैं रहूं राजा
और तुम मेरी रानी।

-


26 JUN 2021 AT 21:31

नवजात शिशु से
जैसे होता पहला आलिंगन!
हां, महसूस करना है
किसी मां की तरह!

पुस्तक से
जैसे होता पहला मिलन!
हां, वही जीवंत करना है
किसी पाठक की तरह!

प्रियतमा से
जैसे होती पहली छुअन!
हां, तुम्हें छूकर देखना है
प्रियतम की तरह!

-


25 JUN 2021 AT 17:55

ये पक्षी
दिन भर की सैर कर
कौन सा गीत गाते हैं
कि हर सुबह
फिर उसी उत्साह से
उड़ते चले जाते हैं!

ए शाम तू ही बता

ये सविता
किस तेज को धारण किए
कि सदा ही प्रकाशित
सदा गतिमान
समय चक्र को
दर्शाते हैं!

शाम तू ही बता...

-


Fetching Kiran "गौरी" Quotes